For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सोन परी हिय मोद भरे !

बिटिया रानी खिली कली सी

सागर चीरे- परी सी आई

बांह पसारे स्वागत करती

जन मन जीते प्यार सिखाई !

--------------------------------

कदम बढ़ाओ तुम भी आओ

धरती अम्बर प्रकृति कहे

गोद उठा लो भेद भाव खो

सोन परी हिय मोद भरे !

--------------------------------------

हहर-हहर मन ज्वार सरीखा

चन्दा को अपनाने दौड़ा

कहीं न मुड़ जाए  'पूनम' सा

नैन हिया भर सीपी -मोती पाने दौड़ा !

----------------------------------------

बिना कल्पना ,बिन प्रतिभा के

लक्ष्मी कहाँ ? रूठ ना जाए

आओ प्यारे फूल बिछा दें

चरण 'देवि' के नेह लुटाएं !

---------------------------------

ये अद्भुत मुस्कान- धरा की

दर्द व्यथा कल से हर लेगी

सोन चिरइया -नदी दूध की

कल्प-वृक्ष बन वांछित फल  देगी !

----------------------------------------

सुरेन्द्र कुमार शुक्ल 'भ्रमर ५ '

कुल्लू यच पी १९.६.२०१२

Views: 742

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on June 23, 2012 at 1:08am

मान्य सौरभ पाण्डेय भ्राता श्री  आप के प्यारे उदगार  और ये प्रोत्साहन  किसी पुरस्कार से कम नहीं होते आप के गूढ़  विशिष्ट शब्द मन को छू जाते हैं बहुत  बहुत  आभार आप का अपना स्नेह और सुझाव देते रहें कृपया --भ्रमर ५ 

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on June 23, 2012 at 1:06am

प्रिय संदीप जी , योगी गुरु जी, राज जी आप सब ने उत्साह बढाया बहुत ख़ुशी हुयी बहुत बहुत  आभार --भ्रमर ५ 

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on June 23, 2012 at 1:04am

आदरणीया राजेश कुमारी जी प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत आभार --भ्रमर ५ 

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on June 23, 2012 at 1:03am

आदरणीय  अलबेला जी रचना आप के मन को छू सकी आप ने समय दिया बहुत ख़ुशी हुयी आभार --भ्रमर ५ 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on June 21, 2012 at 11:31pm

भाई सुरींदर जी, आपकी इस रचना की धारिता बहुत ही गहरी है.  विशेषकर निम्न पंक्तियों के लिये सादर बधाई स्वीकार करें -

ये अद्भुत मुस्कान- धरा की
दर्द व्यथा कल से हर लेगी
सोन चिरइया -नदी दूध की
कल्प-वृक्ष बन वांछित फल देगी !

बहुत खूब !!

Comment by Raj Tomar on June 21, 2012 at 9:53pm

"

ये अद्भुत मुस्कान- धरा की

दर्द व्यथा कल से हर लेगी

सोन चिरइया -नदी दूध की

कल्प-वृक्ष बन वांछित फल  देगी "

बहुत सुन्दर. :)

Comment by Yogi Saraswat on June 21, 2012 at 2:58pm

बिना कल्पना ,बिन प्रतिभा के

लक्ष्मी कहाँ ? रूठ ना जाए

आओ प्यारे फूल बिछा दें

चरण 'देवि' के नेह लुटाएं !

bahut sundar bhaav liye atyant sundar rachna , bhramar saab !

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on June 21, 2012 at 10:05am

bahut umda rachna hai sir ji .............badhai aapko

Comment by Albela Khatri on June 21, 2012 at 8:19am

waah !

sundar rachna  !

__abhinandan !


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 20, 2012 at 10:08pm

बहुत सुन्दर अद्दभुत अप्रतिम रचना के लिए हार्दिक बधाई 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
yesterday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service