For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कारगिल के शहीदों को सलाम...

हाइकु...

------------

दर्द हासिल

तनाव ही तनाव

क्यूँ कारगिल?

-----------

टीस दिल में

खोये कितने लोग

कारगिल में.

------------

युद्ध की भाषा

शांति की अभिलाषा

झूठी दिलासा.

-------------

क्या मिला? पूछा

सैनिक बोला फ़र्ज़ 

मस्तक ऊँचा. 

-------------

अविनाश बागडे...नागपुर.

Views: 1718

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by AVINASH S BAGDE on July 27, 2012 at 4:59pm

डॉ. प्राची जी तथा सभी सुधि जनों जिनका नाम मैंने नीचे उल्लेख किया है...सभी का इस रचना की भावना तक पहुँचने हेतु आभार...


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on July 27, 2012 at 4:48pm

कारगिल शहीदों के सम्मान में रचे बहुत बेहतरीन हाइकू...हार्दिक बधाई आ. अविनाश बागडे जी.

Comment by AVINASH S BAGDE on July 27, 2012 at 4:28pm

कारगिल दिवस पर शहीदों के सम्मान में रचे  हाइकू.

आप...Ashok Kumar Raktale ji,bhai Albela Khatri ji,आशीष यादव जी ,Rekha Joshi mam,deepti sharma mam,SANDEEP KUMAR PATEL ji,rajesh kumari mam & bhai Ambarish Srivastava ji को नमन .


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 27, 2012 at 10:45am

वाह बहुत श्रेष्ठ ,अनुपम हाइकु |कारगिल के शहीदों को नमन

Comment by Er. Ambarish Srivastava on July 27, 2012 at 9:54am

//युद्ध की भाषा

शांति की अभिलाषा
झूठी दिलासा.
-------------
क्या मिला? पूछा
सैनिक बोला फ़र्ज़ 
मस्तक ऊँचा.//
वाह आदरणीय बागडे साहब वाह !!!.....सभी हाइकू बेहतरीन बन पड़े हैं ......हार्दिक बधाई मित्रवर ......कारगिल के शहीदों को नमन ...सादर 
Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on July 27, 2012 at 9:44am

बहुत खूबसूरत हाइकू सर जी  ...........................बधाई आपको

Comment by deepti sharma on July 26, 2012 at 11:35pm

बहुत सुंदर हाइकु ,, शहीदों को शत शत नमन,,

Comment by Rekha Joshi on July 26, 2012 at 11:21pm

अविनाश जी ,कारगिल दिवस पर शहीदों केनाम सुंदर हाइकु

 क्या मिला? पूछा

सैनिक बोला फ़र्ज़ 

मस्तक ऊँचा. ,भारत का मस्तक सदैव ऊँचा रखने वाले शहीदों को मेरा शत शत नमन 
Comment by आशीष यादव on July 26, 2012 at 11:01pm

शहीदों को नमन।
शहीद-दिवस पर रचे सुन्दर हाइकू पर बधाई

Comment by Albela Khatri on July 26, 2012 at 9:36pm

धन्य हो बागडे जी.......
जय हो....
बहुत  गरिमा  और ऊर्जा से भरे हाइकू  मुबारक हों........

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन पर आपकी विस्तृत समीक्षा का तहे दिल से शुक्रिया । आपके हर बिन्दु से मैं…"
4 hours ago
Admin posted discussions
yesterday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सुशील सरनाजी, आपके नजर परक दोहे पठनीय हैं. आपने दृष्टि (नजर) को आधार बना कर अच्छे दोहे…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"प्रस्तुति के अनुमोदन और उत्साहवर्द्धन के लिए आपका आभार, आदरणीय गिरिराज भाईजी. "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी

२१२२       २१२२        २१२२   औपचारिकता न खा जाये सरलता********************************ये अँधेरा,…See More
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा दशम्. . . . . गुरु

दोहा दशम्. . . . गुरुशिक्षक शिल्पी आज को, देता नव आकार । नव युग के हर स्वप्न को, करता वह साकार…See More
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल आपको अच्छी लगी यह मेरे लिए हर्ष का विषय है। स्नेह के लिए…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति,उत्साहवर्धन और स्नेह के लिए आभार। आपका मार्गदर्शन…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय सौरभ भाई , ' गाली ' जैसी कठिन रदीफ़ को आपने जिस खूबसूरती से निभाया है , काबिले…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सुशील भाई , अच्छे दोहों की रचना की है आपने , हार्दिक बधाई स्वीकार करें "
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है , दिल से बधाई स्वीकार करें "
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service