Comment
आदरणीया विनीता शुक्ला जी, उत्साहवर्धन हेतु आभार |
आदरणीया शन्नो दीदी, लघु कथा को सराहने हेतु आपका बहुत बहुत आभार |
Many many thanks to Mr. Markandey Davey for your valuable comment.
आदरणीय लक्ष्मण प्रसाद जी, आपकी सराहना पाकर यह लघुकथा सार्थक हुई, आभार आपका |
लघुकथा को सराहने और उत्साहवर्धन हेतु बहुत बहुत आभार आदरणीय लून करण जी |
अच्छी रचना है, बधाई
निजी स्वार्थ के लिए, किसी के विश्वास और जीवन से खेलना; हैवानियत की चरम सीमा को छू लेने जैसा है. प्रेरक व मार्मिक प्रस्तुति पर बधाई.
कितने लोग इस दुनिया में संवेदनहीन हैं. इस लघु कथा का किरदार राजू इसका उदाहरण है. किसी की जान से खेलकर लोगों को ठगने में ऐसे लोगों को संकोच नहीं होता. सोचती हूँ कि क्या राजू जैसे लोगों की आत्मा ऐसा नीच काम करके उन्हें धिक्कारती नहीं होगी ?
Very Very Very Nice..! Thanks.
इस लघु कथा ने एक साथ कई सन्देश अपने अन्दर छुपा रखे है । पहली बात फेस बुक जैसे पेज पर
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