For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

चौंच में लेकर तिनका ( कुण्डलिया )

लेकर तिनका चौंच में ,चिड़िया तू कित जाय
नीड महल का छोड़ के , घर किस देश बसाय
घर किस देश बसाय ,सभी सुख साधन छोड़े
ऊँची चढ़ती बेल , धरा पे वापस मोड़े
देख बिगड़ते बाल, माथ मेरा है ठनका
जाती अपने गाँव , चौंच में लेकर तिनका
***************************************
(अपने एक ख़याल के ऊपर बनाई यह कुंडली )
चोँच में तिनका ले जाती हुई चिड़िया से पूछा अब क्यों घर बदल रही हो तुम तो उस महल के रोशनदान में कितनी शानो शौकत से रहती हो तो वो बोली वहां मेरे बच्चे बिगड़ रहे हैं अपनी औकात भूल रहे हैं!!

Views: 687

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on November 17, 2012 at 9:58pm

हार्दिक आभार  रविकर भाई |

Comment by रविकर on November 17, 2012 at 9:26pm

बहुत खूब दीदी-
मस्त भाव प्रवाह -
आभार आदरेया ||


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on November 17, 2012 at 8:18pm

आदरणीय लक्ष्मण प्रसाद जी आपको कुंडलिया पसंद आई हार्दिक आभार आपका 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on November 17, 2012 at 6:41pm

चिड़िया जैसी पक्षी को लेकर आज की संतानों के प्रति माँ को सन्देश देती सुन्दर कुंडलियों के लिए                          हार्दिक बधाई स्वीकारे आदरणीया राजेश कुमारी जी 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on November 17, 2012 at 3:13pm

आदरणीय प्रदीप कुमार कुशवाह जी  हार्दिक आभार आपका |

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on November 17, 2012 at 2:39pm

आदरणीया राजेश कुमारी जी, सादर 

बिलकुल सही चित्र खिंचा आपने 

बधाई 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on November 17, 2012 at 1:06pm

पियूष द्विवेदी जी आपने मेरे ख्याल को दिल से महसूस किया तथा अनुमोदन किया मेरा लिखना सार्थक हुआ 

Comment by पीयूष द्विवेदी भारत on November 17, 2012 at 12:44pm

बहुत ही सुन्दर ख्याल है, और अभिव्यक्ति भी उतनी ही सुन्दर........ आज के युग के महानगरों के निवासी माता-पिता भी इस चिड़िया सी सोच रखे तो देश का भविष्य बेहतर तैयार हो..!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . .तकदीर
"आदरणीय अच्छे सार्थक दोहे हुए हैं , हार्दिक बधाई  आख़िरी दोहे की मात्रा फिर से गिन लीजिये …"
11 hours ago
सालिक गणवीर shared Admin's page on Facebook
15 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी's blog post was featured

एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]

एक धरती जो सदा से जल रही है   ********************************२१२२    २१२२     २१२२ एक इच्छा मन के…See More
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]

एक धरती जो सदा से जल रही है   ********************************२१२२    २१२२     २१२२ एक इच्छा मन के…See More
Tuesday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . .तकदीर

दोहा सप्तक. . . . . तकदीर   होती है हर हाथ में, किस्मत भरी लकीर । उसकी रहमत के बिना, कब बदले तकदीर…See More
Tuesday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ छियासठवाँ आयोजन है।.…See More
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आदरणीय  चेतन प्रकाश भाई  आपका हार्दिक आभार "
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आदरणीय बड़े भाई  आपका हार्दिक आभार "
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आभार आपका  आदरणीय  सुशील भाई "
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए हार्दिक आभार।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए धन्यवाद।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भाई अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service