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प्यार से तस्वीर मेरी - पोंछना आंसू बहाके

प्यार से तस्वीर मेरी, पोंछना आंसू बहाके।

शीश खटिये पे टिकाकर, सोंचना आंसू बहाके।।

 

चैन से जी भी न पाये,चैन से मर भी न पाये।

याद के टुकड़े पुराने, नोंचना आंसू बहाके।।

 

इस कदर मेरी मुहब्बत, कर गई बर्बाद उसको।

नाम लिख मेरा हँथेली, गोंचना आंसू बहाके।।

 

जब कभी मेरी कमी खलती, उसे है खामखा तब।

दर्द में दुखती रगों को, कोंचना आंसू बहाके।।

 

जख्म से मजबूर होके, घाव ले जीती रही।

क्या करे तकदीर को है, कोसना आंसू बहाके।।

 

चाँद से हो खूबसूरत, जब कभी उसको कहूँ मैं।

शर्म से फिर मुस्कुराना, रोकना आंसू बहाके।।

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Comment by अरुन 'अनन्त' on December 17, 2012 at 11:59am

शुक्रिया आभार धन्यवाद अशोक सर

Comment by Ashok Kumar Raktale on December 16, 2012 at 10:34pm

सुन्दर भावपूर्ण रचना के लिए बधाई स्वीकारे अरुण जी सादर.

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 7, 2012 at 11:00am

आदरेया प्राची जी रचना को पसंद व सराहना करने हेतु आपका ह्रदय के अन्तःस्थल से अनेक-2 धन्यवाद. आपके इसी तरह स्नेह की अपेक्षा सदैव रहेगी. सादर

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 7, 2012 at 10:58am

आदरणीय विजय निकोर साहब बहुत-2 शुक्रिया

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 7, 2012 at 10:57am

तहे दिल से आभार आदरणीय सौरभ सर


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on December 7, 2012 at 10:03am

बहुत कोमल भावों के दर्द की पराकाष्ठा को शब्द दिये हैं आपने रचना में.. सुन्दर अभिव्यक्ति. हार्दिक बधाई स्वीकारें 

Comment by vijay nikore on December 6, 2012 at 8:40pm

आ० अनन्त जी,

भाव बहुत अच्छे लगे। बधाई।

विजय निकोर


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on December 6, 2012 at 8:18pm

वाह .. सुन्दर भावाभिव्यक्ति ! बधाई अन्त जी.

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 6, 2012 at 5:43pm

आभार आदरणीय झा सर

Comment by जगदानन्द झा 'मनु' on December 6, 2012 at 5:39pm

सुन्दर भावाभिव्यक्ति, बधाई  'अनंत' जी 

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