For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

उदित सौर मंडल शिखर, ऊर्जस्वी आदित्य
विद्याभूषण में जड़ित, नग हिन्दी साहित्य
नग हिंदी साहित्य, संकलन काव्य निरूपम
छंदों की रसधार, नव निरवच्छिन्न अनुपम
काव्य कोष में छंद, मधुर कविताएँ अन्वित
ज्ञान अमिय मकरंद, पिए हिय कलिका प्रमुदित
*********************************

Views: 672

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on March 4, 2013 at 8:36am

आपको ये प्रस्तुति रुचिकर लगी कवि राज  बुंदेली जी हार्दिक आभार आपका| 

Comment by कवि - राज बुन्दॆली on March 4, 2013 at 1:35am

आदरणीया राजेश कुमारी जी,,,,,वाह ! वाह ! ...  .बहुत सुन्दर कथ्य और उतना ही सुन्दर प्रेषण !!!बहुत बहुत बधाई,,,,,,


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on March 3, 2013 at 1:49pm

आदरणीय पवन अम्बा जी सादर आभार आपका|


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on March 3, 2013 at 1:41pm

आदरणीय रविकर भाई जी  कुण्डलिया पर आपकी प्रतिक्रिया से हार्दिक प्रसन्न्ता हुई आपका बहुत-बहुत शुक्रिया| स्नेह् बनाए रखिए

Comment by pawan amba on March 3, 2013 at 12:54pm

बहुत सुन्दर 

 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on March 3, 2013 at 12:38pm

आदरणीय लक्ष्मण जी कुण्डलिया पर आपकी प्रतिक्रिया से हार्दिक प्रसन्न्ता हुई आपका बहुत-बहुत शुक्रिया| 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on March 3, 2013 at 12:34pm

आदरणीय सौरभ जी इस कुण्डलिया पर आपके अनुमोदन की मुहर देख् कर आश्वस्त हुई गले में अटकी साँस वापस मिली इतनी विस्तृत मनोहारी विवेचना पढ़ कर हृदय गद गद हो उठा ,आपका सुझाव स्वीकार्य  है,आपका दिल से आभार|  

Comment by रविकर on March 3, 2013 at 12:01pm

गजब आदरेया-
सुन्दर सलोने शब्द -
जबरदस्त भाव-
शुभकामनायें आदरेया ||

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on March 3, 2013 at 11:55am

सुंदर भाव लिए उच्च स्तर की सनातन कुन्द्दलिया छंद द्वारा हिंदी की महिमा बताने के लिए हार्दिक बधाई स्वीकारे 

आदरणीया राजेश कुमारी जी, बाकी विस्तृत टिपण्णी तो विद्वजन श्री सौरभ पाण्डेय जी ने कर हम सबको लाभान्वित करने के साथ ही कुंडलियों की सुन्दरता का और अहसास करा ही दिया है |


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on March 2, 2013 at 9:14pm

उदित सौर मंडल शिखर, ऊर्जस्वी आदित्य
विद्याभूषण में जड़ित, नग हिन्दी साहित्य

अत्यंत सुगढ़, सुगठित पंक्तियों में मनोहारी प्राञ्जल प्रवाह ! वाह-वाह !

आदरणीया, आपकी अति समृद्ध और शब्द-चित्र प्रस्तुत करती पंक्तियों से मुझे गोसाईं जी के मानस का वह दृश्य स्मरण हो आया है जहाँ जनकपुरी के स्वयंवर में बहुसंख्या में अधिपति, सम्राट और नरेश उपस्थित थे. किन्तु रघुनन्दन श्री राम के खड़े होते ही सहसा ऐसा प्रतीत हुआ मानों क्षितिज से बाल-अरुण उभर आया हो ! उसके दैदिप्यमान आलोक में मानों समस्त संत-सज्जन के मुखारविन्द खिल गये और सभी के नयन रूपी भ्रमर हर्षित हो गये ! 

(उदित उदयगिरि मंचपर, रघुबर बालपतंग

विकसे संतसरोज सब, हरषे लोचन भृंग ॥)

सही कहा है आपने, आदरणीया, सरस विद्या के व्योम के साहित्य नक्षत्रों में हिन्दी प्रखर आदित्य सदृश ही है. जिसमें रचित भाव-दशाएँ अतुलनीय हैं, जिनके पाठ से भावसिक्त सहृदय पाठक को जहाँ सुख पहुँचता है वहीं उसका मन-मस्तिष्क ज्ञान और आनन्द से भर उठता है.


नग हिंदी साहित्य, संकलन काव्य निरूपम

सुन्दर ! हिन्दी और समस्त भारतीय छंदों के काव्य का अजस्र प्रवाह मुग्धकारी है, इसकी अबाध रसधार के तो क्या कहने ! किन्तु गद्य साहित्य भी कम रोचक नहीं है.

अतः आदरणीया, मेरा सादर सुझाव है कि दूसरे चरण में काव्य की जगह अद्भुत या ऐसा ही कुछ करदि या जाय ताकि समस्त संकलन को भाव में समाविष्ट किया जा सके. इससे उक्त चरण की मात्रा भी सटीक हो जायेगी.


काव्य कोष में छंद, मधुर कविताएँ अन्वित
ज्ञान अमिय मकरंद, पिए हिय कलिका प्रमुदित

वाह ! वाह ! ...  .बहुत सुन्दर कथ्य और उतना ही सुन्दर प्रेषण !!!

ज्ञान अमिय ...

मकरंद पिये.. 

हिय कलिका (हुई)  प्रमुदित !

आदरणीया राजेश कुमारीजी, आपकी इस कुण्डलिया छंद रचना का स्तर समझिये मानक सदृश है. शब्द की गहराई, भाव का उन्नयन, शिल्प का सुगढ़ संयोजन ! ..शब्द न अत्यंत क्लिष्ट.. न भदेस.. बल्कि इस उन्नत भाव के लिए अपरिहार्य. 

सादर बधाइयाँ.. .

शुभ शुभ

 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 178 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
40 minutes ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत छंदों की सराहना हेतु आपका हार्दिक आभार.…"
1 hour ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, प्रस्तुत रोला छंदों पर उत्साहवर्धन हेतु आपका…"
1 hour ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"    आदरणीय गिरिराज जी सादर, प्रस्तुत छंदों की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार. सादर "
1 hour ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी छंदों पर उपस्थिति और प्रशंसा के लिये हार्दिक आभार "
2 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय गिरिराज जी छंदों पर उपस्थित और प्रशंसा के लिए हार्दिक आभार "
2 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक जी छंदों की  प्रशंसा और उत्साहवर्धन के लिये हार्दिक आभार "
2 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक आभार आदरणीय मयंक कुमार जी"
2 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
" छंदों की प्रशंसा के लिये हार्दिक आभार आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी"
2 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"    गाँवों का यह दृश्य, आम है बिलकुल इतना। आज  शहर  बिन भीड़, लगे है सूना…"
2 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ भाईजी,आपकी टिप्पणी और प्रतिक्रिया उत्साह वर्धक है, मेरा प्रयास सफल हुआ। हार्दिक धन्यवाद…"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। उत्तम छंद हुए हैं हार्दिक बधाई।"
3 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service