For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

हास्य घनाक्षरी

 

आप तो पहाड़ हम माटी भुरभुरी वाली

धूल न हो जाएँ कहीं , गले न लगाइए

आपका शरीर है ये तन से अमीर बड़ा

दुबले गरीब हम रहम तो खाइए

माटी वाला घर मेरा और द्वार छोटा बना

टूट नहीं जाए ज़रा धीरे धीरे आइए

फूल थी जो आप कद्दू हो गयी हो आजकल 
ऐसा क्या है खाया ज़रा हमें भी बताइए

 

संदीप पटेल “दीप”

Views: 855

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on April 12, 2013 at 1:02pm

आदरणीय गुरुदेव सौरभ सर जी सादर प्रणाम
आपने इस प्रयास को सराह के मनोबल बढ़ा दिया है गुरदेव
ये स्नेह यूँ ही बनाए रखिए
सादर आभार आपका


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on April 12, 2013 at 12:36am

प्रियतमा की इतनी मनोहारी दशा प्रस्तुत हुई है कि आपके सुख और धीरज से ईर्ष्या हो रही है, हा हा हा

बधाई हो भाई बधाई.. .

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on April 5, 2013 at 11:17pm

आदरणीया कुंती जी, आदरणीया सीमा दी, आदरणीय अशोक सर जी, आदरणीय अजय सर जी आप सभी का बहुत बहुत आभार स्नेह यूँ ही बनाये रखिये

Comment by Dr.Ajay Khare on April 5, 2013 at 1:21pm

sandeep ji sateek ghanchhari ban padi hai badhai

Comment by Ashok Kumar Raktale on April 4, 2013 at 9:07pm

आदरणीय भाई संदीप जी सुन्दर हास्य घनाक्षरी प्रस्तुत की है. मगर यह व्यंग की तलवार खिंची कहाँ है......भाई जी. हा हा हा........ बहुत बहुत बधाई स्वीकारें. 

Comment by seema agrawal on April 4, 2013 at 7:10pm

ओह क्या बात है संदीप ..सारा दुःख बयान हो गया इस घनाक्षरी में ..फिर भी हास्य कह रहे हैं इसे ..महान हैं आप .......

Comment by coontee mukerji on April 4, 2013 at 2:50pm

संदीप जी ज़रा सम्भलके कहीं कद्दू भारी न पड़ जाए.बहुत सुंन्दर .

मत पूछिये हम खाते क्या हैं

डाइट कर  के हुआ  हाल है.

घर छोटा है तो क्या हुआ

अभी हमारा सोलवाँ साल है.

Comment by अरुन 'अनन्त' on April 4, 2013 at 2:25pm

हहाहाहा बहुत ही सुन्दर खूबसूरत लाजवाब मित्रवर बात बन गई भाई पूरी पूरी बन गई , हास्य का रंग जमा है चकाचक खुद को लें हंसाय. बेहद सुन्दर प्रयास हार्दिक बधाई स्वीकारें.

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on April 4, 2013 at 1:19pm

आदरणीया डॉ प्राची जी सादर प्रणाम
मेरी रचना ने आपको हंसाया लेखन सफल हुआ
स्नेह यूँ ही बनाए रखिए
बहुत बहुत आभार आपका

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on April 4, 2013 at 1:03pm

आदरणीय गणेश बागी सरजी सादर आभार आपका ये स्नेह और आशीष यूँ ही बनाए रखिए अनुज पर 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"बच्चों का ये जोश, सँभालो हे बजरंगी भीत चढ़े सब साथ, बात माने ना संगी तोड़ रहे सब आम, पहन कपड़े…"
1 hour ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"रोला छंद ++++++   आँगन में है पेड़, मौसमी आम फले…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . .तकदीर
"आदरणीय अच्छे सार्थक दोहे हुए हैं , हार्दिक बधाई  आख़िरी दोहे की मात्रा फिर से गिन लीजिये …"
18 hours ago
सालिक गणवीर shared Admin's page on Facebook
23 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी's blog post was featured

एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]

एक धरती जो सदा से जल रही है   ********************************२१२२    २१२२     २१२२ एक इच्छा मन के…See More
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]

एक धरती जो सदा से जल रही है   ********************************२१२२    २१२२     २१२२ एक इच्छा मन के…See More
Tuesday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . .तकदीर

दोहा सप्तक. . . . . तकदीर   होती है हर हाथ में, किस्मत भरी लकीर । उसकी रहमत के बिना, कब बदले तकदीर…See More
Tuesday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ छियासठवाँ आयोजन है।.…See More
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आदरणीय  चेतन प्रकाश भाई  आपका हार्दिक आभार "
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आदरणीय बड़े भाई  आपका हार्दिक आभार "
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आभार आपका  आदरणीय  सुशील भाई "
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए हार्दिक आभार।"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service