For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

क्या मैं..आकाश नहीँ छू सकती?

जब तक कि रुक नहीँ जाता
बेटियोँ के संग
भेदभाव का सिलसिला
मैँ पूंछती हूं..मैँ पूंछूंगी और पूंछती ही रहूंगी,
मैँ एक बेटी हूं
क्या बेटी होना कोई गुनाह है?
क्या मैँ माँ-बाप की
आशाओँ को
पूरा नही कर सकती?
क्या मैँ उनकी कसौटी पर
खरा नहीँ उतर सकती?
क्या मैँ वह नहीँ कर सकती..
जो एक बेटा करता है
माँ-बाप,भाई,बहन
और समाज के लिए?
क्या मैँ अपनी मेहनत से
इस बंजर जमीन को
हरा भरा नहीँ कर सकती?
क्या मैँ
किसी के जीवन मेँ
प्यार के रंग नहीँ भर सकती?
क्योँ बेटी को आज भी
बेटे के बराबर
नहीँ समझा जाता?
क्योँ आधुनिकता के
इस युग मेँ
एक बेटी को
मार दिया जाता है
जन्म से पहले ही बोझ समझकर?
मैँ फिर पूंछती हूं एक बार
क्या मैँ....आकाश नहीँ छू सकती?
¤¤¤¤¤¤
(मौलिक व अप्रकाशिता)

_आबिद अली मंसूरी

Views: 625

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Abid ali mansoori on June 13, 2013 at 1:13pm
आदरणीय भाई अमन कुमार जी तहे दिल से शुक्रिया आपका!
Comment by Abid ali mansoori on June 13, 2013 at 1:12pm
Aadarniya pragya ji hardik abhaar aapka...
Comment by aman kumar on June 13, 2013 at 12:29pm

मैँ माँ-बाप की
आशाओँ को
पूरा नही कर सकती?
क्या मैँ उनकी कसौटी पर
खरा नहीँ उतर सकती?

सादर  प्रणाम

Comment by Pragya Srivastava on June 13, 2013 at 12:07pm

विषय विचारणीय है बेटे बेटी का भेद अभी भी बहुत अभी है गहराया इसे मिटाना है सचमुच सोच बदलनी है                  

                                  रचना के लिए बधाई

Comment by Abid ali mansoori on June 13, 2013 at 8:19am
Aadarniya jawahar lal ji wah kya khoob kaha aapne..aabhar aapka!
Comment by JAWAHAR LAL SINGH on June 13, 2013 at 7:40am

मार्मिक चित्रण ! कब होगा इनका दुःख हरण!

समाज की सोच बदलनी चाहिए,

हर जगह बेटी को समान दर्जा मिलनी चाहिए!

Comment by Abid ali mansoori on June 12, 2013 at 8:19pm
Aadarniya ramshiromani bhai haardik aabhar aapka is pyar ke liye!
Comment by ram shiromani pathak on June 12, 2013 at 7:49pm

bahut umda aur sateek rachanaa hue hai adarneey abid bhai ji ///hardik badhai

Comment by Abid ali mansoori on June 12, 2013 at 6:48pm
आदरणीय श्री विजय मिश्र जी,हार्दिक आभार आपका!
कविता मेँ काफी कुछ कहने,लिखने को छूट गया है,पोस्ट करने के बाद इस ओर ध्यान गया,क्षमा चाहूंगा कि एक पूरी रचना प्रस्तुत नहीँ कर सका!
Comment by विजय मिश्र on June 12, 2013 at 6:40pm

विषय ज्वलंत है , सवाल एक देवदार से कम तने हुए नहीं है और सच यही है कि बेटियां बेटों से हर जगह जब्बर हैं . इन्सानी सोच के इस दीवालीयेपन पर तरस आता है ,कभी-कभी तो यकीन भी नहीं होता कि ये सच है ! सचमुच लोग कन्या भ्रूण का बध करते हैं क्या?आबिद भाई ,पुरजोर तरीके से आपने यह बात रखी . शुक्रिया .

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"शीत लहर ही चहुँदिश दिखती, है हुई तपन अतीत यहाँ।यौवन  जैसी  ठिठुरन  लेकर, आन …"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"सादर अभिवादन, आदरणीय।"
4 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 161 in the group चित्र से काव्य तक
"सभी सदस्यों से रचना-प्रस्तुति की अपेक्षा है.. "
21 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Saurabh Pandey's blog post दीप को मौन बलना है हर हाल में // --सौरभ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। लम्बे अंतराल के बाद पटल पर आपकी मुग्ध करती गजल से मन को असीम सुख…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं।हार्दिक बधाई। भाई रामबली जी का कथन उचित है।…"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आदरणीय रामबली जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । बात  आपकी सही है रिद्म में…"
Tuesday
रामबली गुप्ता commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"बड़े ही सुंदर दोहे हुए हैं भाई जी लेकिन चावल और भात दोनों एक ही बात है। सम्भव हो तो भात की जगह दाल…"
Monday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई लक्ष्मण धामी जी"
Monday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई चेतन प्रकाश जी"
Monday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय, सुशील सरना जी,नमस्कार, पहली बार आपकी पोस्ट किसी ओ. बी. ओ. के किसी आयोजन में दृष्टिगोचर हुई।…"
Nov 17
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . रिश्ते
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय "
Nov 17
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार "
Nov 17

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service