बता दो क्या कर लोगे
सूरज के ही आगे पीछे रहती है बस धूप,
बता दो क्या कर लोगे
उनका पेट भरेगा, तेरी भांड में जाए भूख ,
बता दो क्या कर लोगे
तेरे ही काँधे पर चढ़कर छोड़ेंगे बन्दूक,
बता दो क्या कर लोगे
बेटा उनका आगे होगा, तुम्ही जाओगे छूट,
बता दो क्या कर लोगे
काला होगा धन उनका जब तेरा पैसा लूट,
बता दो क्या कर लोगे
कुर्सी तेरी वो बैठेंगे, तुम बस देना घूस,
बता दो क्या कर लोगे
मौलिक और अप्रकाशित
Comment
बहुत खूब भड़ास निकली है आपने वर्तमान व्यवस्था के प्रति!
//बेटा उनका आगे होगा, तुम्ही जाओगे छूट//,,,, बहुत शानदार कथ्य
//सूरज के ही आगे पीछे रहती है बस धूप,// ये केवल समझ नही आया क्युकी सूरज के पीछे तो रात्रि रहती है!!!
शुभकामनायें !!
वाह डाक्टर साहब ! जनता बेचारी क्या कर सकती है, वह तो परिस्थिति की मारी है, ताने तो नेता ही देगा और घुर्रायेगा |
सुन्दर प्रस्तुति के लिए बधाई
पारिस्थित, प्रशासन, व्यस्था तीनों के प्रति आक्रोश साथ ही बेबसी को शब्द देती प्रस्तुति के लिए बधाई आ० डॉ० ललित जी
Bahot khoob jee..........
कभी कभी इंसान हालात के आगे कितना मजबूर हो जाता है.ये पंक्तियों इसकी मजबूरी बयाँ कर रही है.
तेरे ही काँधे पर चढ़कर छोड़ेंगे बन्दूक,
बता दो क्या कर लोगे
बेटा उनका आगे होगा, तुम्ही जाओगे छूट,
बता दो क्या कर लोगे
काला होगा धन उनका जब तेरा पैसा लूट,
बता दो क्या कर लोगे
कुर्सी तेरी वो बैठेंगे, तुम बस देना घूस,
बता दो क्या कर लोगे
wah wah wah guru ji iiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiireally readable ....so cute
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