For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बोध गया / प्रेस कांफ्रेंस

हम ले दे के चार मन, दिग्गी मम्मी पूत ।

हमले रो के रोक लें, पर कैसे यमदूत ।

पर कैसे यमदूत, नस्ल कुत्ते की इनकी ।

मार काट का पाठ, पढ़े ये कातिल सनकी ।

मन्दिर मस्जिद हाट, पहुँच जाते हैं बम ले ।

पुलिस जोहती बाट,  भाग जाते कर हमले ॥

मौलिक / अप्रकाशित

Views: 584

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 12, 2013 at 5:10pm

आदरणीय सीधा प्रहार कर रही है आपकी कुंडलिया इस देश के प्रशासनिक ढाँचे पर ,आतंकियों पर पुलिस पर सच कहा इन की तो नस्ल ही खराब है ,बहुत पसंद आई ये कुण्डलिया हार्दिक बधाई 

Comment by बृजेश नीरज on July 12, 2013 at 4:47pm

आदरणीय बहुत सुन्दर! यथार्थ को बहुत सुन्दरता से शब्द दिए हैं आपने! आपको नमन!

Comment by Sumit Naithani on July 12, 2013 at 9:50am

maza aa gaya padh kar 

Comment by MAHIMA SHREE on July 11, 2013 at 10:30pm

वाह आदरणीय ..गजब की प्रस्तुती बधाई स्वीकार करें

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on July 11, 2013 at 10:18pm

वाह वाह ! क्या बात है | अनोखी कुंडलिया छंद, अनोखे शब्द संयोजन, बधाई श्री रविकर भाई -

अपने मन की आबरू, अब नारी के हाथ

पूत कहे तो हां भरू, तब दिग्गी दे साथ 

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on July 11, 2013 at 8:42pm

आ0 रविकर भाई जी, वाह! अतिसुन्दर प्रस्तुति।   हार्दिक बधाई स्वीकारें।  सादर,

Comment by रविकर on July 11, 2013 at 6:51pm

आभार आदरणीय सौरभ जी, श्याम जी, राजेश जी, संदीप जी, अरुण जी ||

जाँचे परखे मामले, मले जाँच-दल हाथ |
किस्मत भी देती रही, अपराधी का साथ |
अपराधी का साथ, हाथ जालिम नहिं आवे |
मिलता नहीं सुराग, तथ्य सच को बहकावे |
पाक बांग्लादेश, नक्सली मार तमाचे |
छुपते आय बिहार, आज आतंकी जाँचे || |


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 11, 2013 at 5:58pm

ग़ज़ब ग़ज़ब ग़ज़ब .. जितना मुखर तथ्य उतना ही स्पष्ट कथ्य ! 

आदरणीय रविकर भाईजी, आपने जिस सहजता से इस छंद-रचना में आम जन की उजबुजाहट तथा अवश-क्रोध को स्वर दिया है, मैं इस हेतु आपको नमन करता हूँ.  आज अविश्वसनीयता इस कदर बढ़ गयी है कि लोगों को अपनी छाया से भय लगता है. उसपर से कतिपय राजनीतिबाजों की असंवेदनशीलता विद्रुप माहौल को और कष्टकारी बनाती है.

वैसे इस मंच पर रचनाओं में शुद्ध राजनैतिक कथ्यों को यथासंभव प्रश्रय नहीं दिया जाता.  किन्तु, आपकी रचना से निस्सृत दर्द आमजन का सनातन दर्द है. जिसे  राजनीति के कतिपय धंधेबाज अपनी करनी से और बढ़ाते दीखते हैं.

सादर

Comment by अरुन 'अनन्त' on July 11, 2013 at 5:18pm

आनंद आ गया आदरणीय सर जी वाह सुन्दर सटीक, व्यंग ने तो त्वरित कर दिया ढेरों बधाई स्वीकारे आदरणीय.

Comment by राजेश 'मृदु' on July 11, 2013 at 4:37pm

आपकी रचना से कुछ पंक्तियां हठात याद आ गई

''तीन दिनों तक चूल्‍हा रोया

चक्‍की रही उदास

तीन दिनों तक कानी कुतिया

रोयी उसके पास''

अगर मुझे ठीक स्‍मरण है तो इसके लेखक बाबा नागार्जुन हैं

वही तेवर आपकी इस रचना में मुझे देखने को मिले हालांकि इसकी पृष्‍ठभूमि अलग है । हार्दिक बधाई आपको, सादर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-172

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Monday
Sushil Sarna posted blog posts
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- गाँठ
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। दोहों पर आपकी उपस्थिति से प्रसन्नता हुई। हार्दिक आभार। विस्तार से दोष…"
Mar 7
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- गाँठ
"भाई, सुन्दर दोहे रचे आपने ! हाँ, किन्तु कहीं- कहीं व्याकरण की अशुद्धियाँ भी हैं, जैसे: ( 1 ) पहला…"
Mar 6
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण धामी जी "
Mar 2
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं । हार्दिक बधाई।"
Mar 2
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"सादर नमस्कार आदरणीय।  रचनाओं पर आपकी टिप्पणियों की भी प्रतीक्षा है।"
Mar 1
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी।नमन।।"
Feb 28
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय तेजवीर सिंह जी।नमन।।"
Feb 28
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बहुत ही भावपूर्ण रचना। शृद्धा के मेले में अबोध की लीला और वृद्धजन की पीड़ा। मेले में अवसरवादी…"
Feb 28
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"कुंभ मेला - लघुकथा - “दादाजी, मैं थक गया। अब मेरे से नहीं चला जा रहा। थोड़ी देर कहीं बैठ लो।…"
Feb 28
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय मनन कुमार सिंह जी, हार्दिक बधाई । उच्च पद से सेवा निवृत एक वरिष्ठ नागरिक की शेष जिंदगी की…"
Feb 28

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service