For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बचपन तब का और था, अब का बचपन और

(1)

बचपन तब का और था, अब का बचपन और |
दादी की गोदी मिली, नानी हाथों कौर |


नानी हाथों कौर, दौर वह मस्ती वाला |
लेकिन बचपन आज, निकाले स्वयं दिवाला |


आया की है गोद, भोग पैकट में छप्पन |
कंप्यूटर के गेम, कैद में बीते बचपन ||

(2)

संशोधित रूप-

तब का बचपन और था, अब का बचपन और |
तब दादी गोदी मिली, नानी से दो कौर |

नानी से दो कौर, दौर वह मस्ती वाला |
लेकिन बचपन आज, महज दिखता दो साला | |

भोजन डिब्बा बंद, अक्श आया में रब का | |
कंप्यूटर में कैद, अधिकतर अबका तबका ||

....

एक दोहे में एक लघुकथा 

दौरे दिल का दर्द इत, उत दौरे पर पूत |
सुतके दौरे बेधड़क, *पिउ बे-धड़कन *सूत ||

*पिता
*सो गया

.

मौलिक / अप्रकाशित

Views: 904

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on October 17, 2013 at 1:49am

खुद ही प्रस्तुत किया और खुद ही उसका संशोधन प्रारूप भी प्रस्तुत कर दिया.. वाह ! .. :-)))))))))

जय हो...

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on October 12, 2013 at 9:54pm

बहुत ही सुन्दर! बधाई!

Comment by बृजेश नीरज on October 12, 2013 at 8:04pm

वाह! बहुत सुन्दर! आपको हार्दिक बधाई!

Comment by Dr Ashutosh Mishra on October 11, 2013 at 3:53pm

आदरणीय गुरुदेव ..दिल प्रसन्ना हो गया ..आज अपने सहयोगियों को भी सुनाया ..सबने लित्फ़ उठाया ..सादर प्रणाम 

Comment by MAHIMA SHREE on October 10, 2013 at 10:34pm

बहुत ही सुंदर .. बधाई आदरणीय

Comment by अरुन 'अनन्त' on October 10, 2013 at 4:20pm

वाह आदरणीय कितनी सटीक बात कही आपने आपका जवाब नहीं कुण्डलिया छंद में अप्रितम दिल खुश हो गया लाजवाब ढेरों बधाइयाँ स्वीकारें.

Comment by वेदिका on October 9, 2013 at 11:42pm

एक दोहे में एक लघुकथा// सारी कहानी चार सांस मे ही दिखला दी!

नमन !!

Comment by Sushil.Joshi on October 9, 2013 at 8:45pm

बहुत ही सुंदर छंद एवं दोहा स्वरूपी लघु कथा...... दो पीढ़ियों के बचपन के बदलाव को बखूबी वर्णित किया है आपने आदरणीय रविकर जी.... बधाई हो...


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on October 9, 2013 at 2:12pm

आदरणीय रविकर जी , लाजवाब कुंडलिया !!!!! बधाई !!!!  और माइक्रो लघुकथा भी बे मिसाल है !!!!बधाई !!!!!

Comment by कवि - राज बुन्दॆली on October 9, 2013 at 12:33pm

 आदरणीय रविकर जी,,,शानदार,,,,,,,बधाई,,,,,,,,,,

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"कहाँ कुछ मंज़िलों से याद आया सफ़र बस रास्तों से याद आया. . समुन्दर ने नदी को ख़त लिखा है मुझे इन…"
1 hour ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. जयहिन्द रायपुरी जी,पहली बार आपको पढ़ रहा हूँ.तहज़ीब हाफ़ी की इस ग़ज़ल को बाँधने में दो मुख्य…"
1 hour ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"सादर अभिवादन तुम्हारी ख़्वाहिशों से याद आया हमें कुछ तितलियों से याद आया मैं वो सब भूल जाना चाहता…"
1 hour ago
Admin posted a discussion

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)

आदरणीय साथियो,सादर नमन।."ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" में आप सभी का हार्दिक स्वागत है।प्रस्तुत…See More
12 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"प्रस्तुति को आपने अनुमोदित किया, आपका हार्दिक आभार, आदरणीय रवि…"
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें। सादर"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें। सादर"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें। सादर"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय, मैं भी पारिवारिक आयोजनों के सिलसिले में प्रवास पर हूँ. और, लगातार एक स्थान से दूसरे स्थान…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय जयहिन्द रायपुरी जी, सरसी छंदा में आपकी प्रस्तुति की अंतर्धारा तार्किक है और समाज के उस तबके…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश भाईजी, आपकी प्रस्तुत रचना का बहाव प्रभावी है. फिर भी, पड़े गर्मी या फटे बादल,…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आपकी रचना से आयोजन आरम्भ हुआ है. इसकी पहली बधाई बनती…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service