For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

१-सुकून

सुनों
आज के बाद तंग नहीं करूँगा
चला जाऊँगा
बस एक बार क्षण-भर
आओ बैठो मेरे पास
तुम्हारे आने से
जिंदा हो उठता हूँ

२-अकेला

दुख के सन्नाटे से
लड़ रहा हूँ
तभी तो
आज फिर अकेला हूँ

३-मंत्री भूखानंदजी

करोड़ों का माल गटक गए
सुना है आज फिर
भूख हड़ताल पे बैठे है

४-साथ

मै तो ग़मों का रेगिस्तान था
वो तो तुम्हारे आने से सादाब हो गया

५-पता है क्या?

ज़रा सुनो
मौत के सौदागरों
शायद भूल गए
आखिरी युद्ध
लड़ना पड़ेगा
वो भी अकेले
मौत के साथ

6-कसम 


कसम खा रखी थी नहीं हँसना है
जब तक वो नहीं मिल जाते
आज फिर वो नहीं मिले
लगता है मैं फिर
सपने में हँस दिया था

७-आलसी

अतीत अच्छा था
बस भविष्य भी अच्छा हो जाए
लेकिन वर्तमान में
कुछ करना नहीं है

८-ज्वालामुखी

मैं खो चुका हूँ अपना संतुलन
दिल में उफनता ज्वालामुखी
कहीं फट ना जाय
आओ मुझसे लिपट जाऒ

९- ऐसा भी

मुझे खुद की खबर नहीं है
वो कहते है
आप मेरी खबर नहीं लेते

१०-दर्द

न दिखने वाले दर्द से दब गया हूँ
इसलिए रो रहा हूँ की
थोड़ा हलका हो जाऊ

११-रंग

गोरा रंग तो ठीक है
लेकिन काली सोच का
क्या किया जाय
*******************************
राम शिरोमणि पाठक"दीपक"
मौलिक/अप्रकाशित

Views: 853

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by ram shiromani pathak on November 12, 2013 at 8:30pm

बहुत बहुत आभार आदरणीया  गीतिका जी ///सादर 

Comment by वेदिका on November 12, 2013 at 2:56pm

वाह! सभी क्षणिकाये कमाल की हुईं है | फिर भी अगर सर्व श्रेष्ठ का चुनाव करना हो तो मै प्रथम क्षणिका को सर्वोत्त्म कहूँगी|

बधाई प्रिय राम भैया!  

Comment by ram shiromani pathak on October 31, 2013 at 10:20pm

आदरणीय  भाई केवल जी आपका  अनन्य स्नेह पाकर  बहुत  प्रसन्नता   हुई मुझे ....बहुत  बहुत  आभार   आपका। …सादर 

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on October 31, 2013 at 7:24pm

आ0 रामशिरोमणि भाई जी,  वाह!  क्या बात है।  आपकी लेखनी जिस पथ पर और जिस वेग से चल रही है।  बहुत-बहुत साधुवाद।  धन्य है विचार शब्द और कौतुक जो आपको प्रेरित करती है।  हां....यही वह राह है जो साहित्याकाश की ओर जाता है। सुघढ़ रचना हेतु आप बधाई के पात्र हैं।  हार्दिक बधाई स्वीकारे।  सादर,

Comment by ram shiromani pathak on October 31, 2013 at 6:44pm

बहुत बहुत आभार आदरणीय रवि प्रभाकर जी …सादर

Comment by ram shiromani pathak on October 31, 2013 at 6:44pm

बहुत बहुत आभार आदरणीय भाई राजेश जी …सादर

Comment by Ravi Prabhakar on October 31, 2013 at 6:34pm

दुख के सन्नाटे से
लड़ रहा हूँ
तभी तो
आज फिर अकेला हूँ

सुभान अल्‍लाह, उत्‍तम, अति उत्‍तम

Comment by राजेश 'मृदु' on October 31, 2013 at 2:30pm

वाह-वाह राम जी, क्षणिका क्‍या बनाई

आपको हजार बार, बधाई हो बधाई

Comment by ram shiromani pathak on October 30, 2013 at 8:17pm

बहुत बहुत आभार भाई नीरज जी। …सादर 

Comment by ram shiromani pathak on October 30, 2013 at 8:15pm

बहुत बहुत आभार आदरणीया अन्नपूर्णा जी। …सादर 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"परिवार के विघटन  उसके कारणों और परिणामों पर आपकी कलम अच्छी चली है आदरणीया रक्षित सिंह जी…"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन।सुंदर और समसामयिक लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
2 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आदाब। प्रदत्त विषय को एक दिलचस्प आयाम देते हुए इस उम्दा कथानक और रचना हेतु हार्दिक बधाई आदरणीया…"
2 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आदरणीय शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी टिप्पणी के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। शीर्षक लिखना भूल गया जिसके लिए…"
3 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"समय _____ "बिना हाथ पाँव धोये अन्दर मत आना। पानी साबुन सब रखा है बाहर और फिर नहा…"
4 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"हार्दिक स्वागत मुहतरम जनाब दयाराम मेठानी साहिब। विषयांतर्गत बढ़िया उम्दा और भावपूर्ण प्रेरक रचना।…"
8 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
" जय/पराजय कालेज के वार्षिकोत्सव के अवसर पर अनेक खेलकूद प्रतियोगिताओं एवं साहित्यिक…"
9 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"हाइमन कमीशन (लघुकथा) : रात का समय था। हर रोज़ की तरह प्रतिज्ञा अपने कमरे की एक दीवार के…"
9 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आदाब। हार्दिक स्वागत आदरणीय विभारानी श्रीवास्तव जी। विषयांतर्गत बढ़िया समसामयिक रचना।"
10 hours ago
vibha rani shrivastava replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
""ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123विषय : जय/पराजय आषाढ़ का एक दिन “बुधौल लाने के…"
16 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आदाब। हार्दिक स्वागत आपकी रचना का। प्रदत्त विषयांतर्गत बेहद भावपूर्ण और विचारोत्तेजक कथानक व कथ्य…"
18 hours ago
रक्षिता सिंह replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"सादर प्रणाम, आदरणीय ।"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service