For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अतुकांत कविता .... लड़ूँगी प्रभु से

सोच रही हूँ
लड़ूँगी प्रभु से
जब मिलूँगी पर वह भी
डर से
छुपा बैठा है , आता ही नहीं
बुलाने पर हमारे हमारी जिन्दगी को
तबाह किये बैठा है , जिस दिन भी
मिलेगा सुनाउँगी
उसे बहुत जानता हैं
वह भी शायद
इसी लिए मेरी जिन्दगी
की डोर को
ढील दिए
बैठा है ....
.
सविता मिश्रा
"मौलिक व अप्रकाशित"

Views: 813

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on December 7, 2013 at 11:05pm

सविता जी

ईश्वर आपकी इच्छा पूरी करे i

आप भी खूब कसर निकाले  i

मैने  भी कभी लिखा था -

हारा करू हरि सो हरुआय , पै  जीवन भे  ललकारा  करू i  

Comment by Neeraj Nishchal on December 7, 2013 at 10:48pm

अच्छी कविता है पर इस पे गौर से सोच लीजिये तो शायद आपको आपके
सवालों का जवाब मिल जाए

छुपाकर खुद को परदे में, तुझे हमने छुपा समझा ।

खता ये हो गयी हमसे , जो कुछ तेरे सिवा समझा ।

जो परदे में नही रहता , वही परदा नशीं है तू ।

Comment by Sushil Sarna on December 7, 2013 at 8:20pm

antrbhaavon ka sundr prastutikaran....bahut khoob...haardik badhaaee

Comment by ram shiromani pathak on December 7, 2013 at 8:05pm
सुन्दर प्रयास हुआ है आदरणीया। प्रयासरत रहें .... शुभ शुभ
Comment by Neelam Upadhyaya on December 7, 2013 at 6:45pm

बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति. बधाई स्वीकार करें. 

Comment by savitamishra on December 7, 2013 at 6:33pm

dhanyvaad प्राची sis ...पहली पोस्ट से सच में खुश हैं पहले की क्यों नहीं हुई पोस्ट गुस्सा था पर अब नियम अभी फिर से धयन से पढ़ा हमने क्युकी fb पर शेयर कर चुके थे तब देखा की fb की पोस्ट भी आप नहीं लेते ...हो सकता हैं पहले की  पोस्ट fb पर हो या अच्छी ना लिखी गयी हो .....फिलहाल बहुत बहुत आभार आपका दिल से

Comment by Meena Pathak on December 7, 2013 at 6:28pm

सोच रही हूँ
लड़ूँगी प्रभु से
जब मिलूँगी पर वह भी
डर से
छुपा बैठा है , आता ही नहीं........................बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति | बधाई आप को 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on December 7, 2013 at 6:16pm

मंच पर आपकी प्रथम प्रस्तुति का स्वागत है आदरणीया सविता मिश्रा जी 

ईश्वर से हर व्यक्ति अपनी समझ भर एक निजी रिश्ता सांझा करता है, कई बातें कहता है, सोचता है, कल्पनाएँ करता है..अलग अलग स्तर पर उसे महसूस करता है... ऐसी ही कुछ उलझी सुलझी सी उम्मीदों को जीती इस अभिव्यक्ति के लिए हार्दिक बाधाई.

Comment by savitamishra on December 7, 2013 at 6:10pm

धन्यवाद अरुन शर्मा भैया :) :)

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 7, 2013 at 6:05pm

आदरणीया सविता जी बहुत अच्छा प्रयास किया है आपने जब हालात ऐसे बन जाते हैं तो ईश्वर से लड़ना पड़ता है बधाई आपको इस प्रयास पर.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर updated their profile
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम मथानी जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार "
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार "
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service