For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मेरी रचना ऐसी हो
मेरी रचना वैसी हो
घूंघट में है रचना मेरी
न जाने वो कैसी हो
शृंगार करूँ मैं सदा कलम का
नित्य हृदय के भावों से
उस पलक द्वार पर देगी दस्तक
जो मेरी रचना की अभिलाषी हो
मौन अधर हों
मौन नयन हों
मौन प्रेम का
हर बंधन हो
बिन बोले जो
कह दे सब कुछ
मेरी रचना ऐसी हो,

हाँ ,मेरी रचना ऐसी हो…….

सुशील सरना

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 608

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil Sarna on January 10, 2014 at 7:15pm


आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी, सादर नमस्कार -- रचना की गहन समीक्षा हेतु मैं तहे दिल से आपका शुक्रगुज़ार हूँ। आपके स्नेह भरी थपकी ने मेरे मनोबल को नयी ऊर्जा प्रदान की है। आपका कथन बिलकुल सही है की समयाभाव होने के बावजूद मैं अपने सृजनशीलता को क्रियाशील रखना चाहता हूँ। जितना सम्भव हो सकता है मैं आप जैसे गुणीजनों से ज्ञानार्जन करता रहता हूँ और सृजन का प्रयास करता रहता हूँ। कोशिश करूंगा कि अगली रचनाओं में आपको मेरे द्वारा रचना सृजन में समय की कमी का आभास न हो। आपका हार्दिक आभार। कृपया स्नेह बनाये रखें।


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 6, 2014 at 3:10pm

आपकी रचनाओं को ध्यान से पढ़ें तो एक अलग ही सुख मिलता है, आदरणीय. बहुत-बहुत बधाई !

लेकिन फिर दिल में एक कचोट सी भी उठती है कि काश आपके पास समुचित समय होता. अपनी तमाम व्यस्तताओं के बावज़ूद आप इतना कुछ लिख जाते हैं यह भी कम नहीं. फिभी कहूँगा, आपकी रचनाओं को आप द्वारा समुचित समय मिलना ही चाहिये. सम्मेलन सुलभ चमत्कार का आग्रह भी आपके साहित्यिक प्रयास को प्रभावित करता है. 

शुभेच्छाएँ.

Comment by Sushil Sarna on January 3, 2014 at 7:02pm

aa.Akhilesh Krishan Shrivastav jee rachna par aapkee madhur pratikriya ka haardik aabhaar avm aapko nav varsh kee haardik shubhkamnayen

Comment by Sushil Sarna on January 3, 2014 at 7:01pm

aa.Dr.Prachi Singh jee rachna par aapkee aatmeey pratikriya avam amuly sujhaav ka haardik aabhaar avm nav varsh kee haardik shubhkkamnaaye

Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on January 1, 2014 at 7:14pm

आ. सुशील भाई नव वर्ष की शुभ कामनाओं के साथ आपको इस सुंदर भाव पूर्ण रचना  की भी हार्दिक बधाई॥


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on January 1, 2014 at 5:37pm

हृदय के भावों से कलम का शृंगार करना सचमुच बहुत भा गया आ० सुशील सरना जी 

फिर भी अभिव्यति गठन और शिल्प में कुछ और प्रयास की अपेक्षा रखती है.

आपको रचना के इन सुन्दर भावों के लिए हार्दिक बधाई 

Comment by Sushil Sarna on January 1, 2014 at 3:34pm

aa.Satyanarayan Singh jee rachna par aapkee snehil pratikriya ka haardik aabhaar

Comment by Satyanarayan Singh on January 1, 2014 at 11:10am
आ.सुशिल सरना जी रचना के भाव बहुत ही अच्छे है. हार्दिक बधाई एवं नव वर्ष की शुभ कामनाएं
Comment by Sushil Sarna on December 31, 2013 at 6:13pm

aa.Giriraj Bhandari jee rachna par aapkee snehil prashansa ka haardik aabhaar


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on December 30, 2013 at 8:35pm

वाह वाह , क्या बात है सुशील भाई जी , लाजवाब !! ढेरों बधाइयाँ ॥

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sushil Sarna posted blog posts
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

देवता क्यों दोस्त होंगे फिर भला- लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२ **** तीर्थ जाना  हो  गया है सैर जब भक्ति का यूँ भाव जाता तैर जब।१। * देवता…See More
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey posted a blog post

कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ

२१२२ २१२२ २१२२ जब जिये हम दर्द.. थपकी-तान देते कौन क्या कहता नहीं अब कान देते   आपके निर्देश हैं…See More
Nov 2
Profile IconDr. VASUDEV VENKATRAMAN, Sarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
Nov 1
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
Oct 31
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
Oct 31
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेम

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेमजाने कितनी वेदना, बिखरी सागर तीर । पीते - पीते हो गया, खारा उसका नीर…See More
Oct 31
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय उस्मानी जी एक गंभीर विमर्श को रोचक बनाते हुए आपने लघुकथा का अच्छा ताना बाना बुना है।…"
Oct 31

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, आपको मेरा प्रयास पसंद आया, जानकार मुग्ध हूँ. आपकी सराहना सदैव लेखन के लिए प्रेरित…"
Oct 31

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार. बहुत…"
Oct 31

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी, आपने बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है। यह लघुकथा एक कुशल रूपक है, जहाँ…"
Oct 31

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service