For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दें बिदाई आज तुम्हे, है परीक्षा की घड़ी ।
सीख सारे जो हमारे, तुम्हरे मन में पड़ी ।।
आज तुम्हे तो दिखाना, काम अब कर के भला ।
नाम होवे हम सबो का,  हो सफल तुम जो भला ।।

हर परीक्षा में सफल हो, दे रहे आशीष हैं।
हर चुनौती से लड़ो तुम, काम तो ही ईश है ।।
कर्म ही पूजा कहे सब, कर्म पथ आगे बढो ।
जो बने बाधा टीलाा सा, चीर कर रास्ता गढ़ो ।।

----------------------------------------------------

मौलिक अप्रकाशित

Views: 1741

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by रमेश कुमार चौहान on February 13, 2014 at 7:35pm

आदरणीय  महिमाश्रीजी एवं आदरणीय गीतजी हौसलाआफजाई के लिये शुक्रिया

Comment by रमेश कुमार चौहान on February 13, 2014 at 7:31pm

आदरणीया दीदीजी, कथ्य अस्पष्ट प्रतित हो रहा है इस बात से मै सहमत हू , इसे मै स्कूली बच्चों के बिदाई समारोह के लिये लिखा जहां इसके पठन से संदर्भगत परेशानी नही हुई किन्तु यहां पर तो है, इस बात का खेद है।  मात्रा गणना मे जिस भार संबंधी ज्ञान साझा किया गया  उस से मै परिचित नही था, आगे इस तथ्य को ध्यान में रखूगा । इसी प्रकार सुझाव देते रहियेगा सादर धन्यवाद


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on February 13, 2014 at 5:03pm

आ० रमेश कुमार चौहान जी..

गीतिका छंद एक बहुत ही मधुर छंद है, २१२२ २१२२, २१२२ २१२ की आवृति में यह छंद चलता है 

किसी भी अच्छे कार्य को करने के लिए अपनों से विदा लेकर किसी के चलने का कथ्य है और सस्कारों की परीक्षा की भी घड़ी है इस कथ्य पर आपने लिखने का प्रयत्न किया है..पर कथ्य में बहुत अस्पष्टता है, कि किसे विदा किया जा रहा है , कहाँ के लिए और क्यों? ये भी थोडा स्पष्ट होना चाहिए था .

कई जगह व्याकरणिक त्रुटियाँ भी रह गयी हैं , और कुछ शब्दों में भी मूल स्वरुप को परिवर्तित किया गया है, तुम्हे की मात्रा गणना २+२=4 की जगह 1+२ =३ ली जाती है क्योंकि तुम्हे के उच्चारण में आधे म का भार तु पर नहीं पढता है , उन्हें , कन्हैया आदि कुछ ऐसे शब्द है जिनकी मात्रा में अर्ध मात्रा का भार पहले वाले अक्षर पर नहीं पड़ता है...इन सब बातों पर ध्यान अवश्य ही दें !

इस प्रयास के लिए मेरी शुभकामनाएं 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on February 12, 2014 at 9:41am

बहुत सुंदर सार्थक रचना आदरणीय रमेश जी, हार्दिक बधाई आपको

Comment by MAHIMA SHREE on February 11, 2014 at 10:30pm

सुंदर भावाभिव्यक्ति.. बधाई आ. रमेश जी सादर

Comment by रमेश कुमार चौहान on February 10, 2014 at 9:18pm

आदरणीय गिरिराज भैयाजी सादर आभार, गेयता में सुधार हेतु प्रयासरत हूं सादर


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on February 10, 2014 at 8:59pm

आदरणीय रमेश भाई , बहुत सुन्दर भावों से सजी आपके छंद रचना के लिये आपको बधाई !! बस गेयता कुछ खटक रही है कहीं पर ॥

Comment by रमेश कुमार चौहान on February 10, 2014 at 7:47pm

आदरणीय वर्माजी एवं आदरणीया द्वैय मीनाजी एवं कुंतीजी आपलोगो के उत्सावर्धन से रचनाकर्म को बल मिला । सादर आभार

Comment by रमेश कुमार चौहान on February 10, 2014 at 7:45pm

अंतिम पंक्ति के प्रथम चरण में मात्रिक विन्यास में त्रुटि रह गई है अत: "जो बने बाधा टीलाा सा" को "पर्वते बाधा बने जो" पढने की कृपा हो ।

Comment by coontee mukerji on February 10, 2014 at 3:29pm

सुंदर छंद.हार्दिक बधाई.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"माँ की नहीं धरा कोई तुलना है  माँ तो माँ है, देवी होती है ! माँ जननी है सब कुछ देती…"
9 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय विमलेश वामनकर साहब,  आपके गीत का मुखड़ा या कहूँ, स्थायी मुझे स्पष्ट नहीं हो सका,…"
11 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय, दयावान मेठानी , गीत,  आपकी रचना नहीं हो पाई, किन्तु माँ के प्रति आपके सुन्दर भाव जरूर…"
11 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय दयाराम मैठानी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर।"
16 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय दयाराम मैठानी जी प्रदत्त विषय पर आपने बहुत सुंदर रचना प्रस्तुत की है। इस प्रस्तुति हेतु…"
16 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी, अति सुंदर रचना के लिए बधाई स्वीकार करें।"
17 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"गीत ____ सर्वप्रथम सिरजन अनुक्रम में, संसृति ने पृथ्वी पुष्पित की। रचना अनुपम,  धन्य धरा…"
21 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सौरभ पांडेय जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"वाह !  आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त विषय पर आपने भावभीनी रचना प्रस्तुत की है.  हार्दिक बधाई…"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"माँ पर गीत जग में माँ से बढ़ कर प्यारा कोई नाम नही। उसकी सेवा जैसा जग में कोई काम नहीं। माँ की…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय धर्मेन्द्र भाई, आपसे एक अरसे बाद संवाद की दशा बन रही है. इसकी अपार खुशी तो है ही, आपके…"
Friday
धर्मेन्द्र कुमार सिंह posted a blog post

शोक-संदेश (कविता)

अथाह दुःख और गहरी वेदना के साथ आप सबको यह सूचित करना पड़ रहा है कि आज हमारे बीच वह नहीं रहे जिन्हें…See More
Thursday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service