वह कथा कहूँ जो नहीं कही
अम्बर में कलानिधि घूम रहा
एक निर्झरिणी थी झूम रही
लहरी थी तट को चूम रही |
अनवरत तरंगे बहती थी
सब हंसी-ख़ुशी से रहती थी
और शिला चोट सब सहती थी
चल-चल, कल-कल कर कहती थी |
वह घटना हुई थी अकस्मात
रजनी के चौखट शुभ प्रभात
और वेगमयी थी प्रबल वाट
धारा को हुई थी अश्रुपात |
धारा ने अश्रु नयन लिया
करबद्ध नदी से विनय किया
अब आगे मैं नहीं बहूँगी
तुमसे दूर मैं नहीं रहूँगी,
दूर जुदाई डंसती है
सारंग की तरंगे हँसती है
कह खारा पानी बस्ती है |
सुन धार व्यथा को निर्झरिणी
अपने ही बगल में बिठलाया
जीवन जीने का मंत्र है क्या
उसे बड़े प्यार से सिखलाया |
यह सबको पता है भली-भांति
तुम कितना करते मुझे प्यार
पर तब तक ही तेरा जीवन
जब तक बहना तेरा व्यापार,
मैं कैसे दृष्टिपात करूँ
बनता देखूँ तुझको तालाब
बिछुड़न का गम रहता हरदम
है मेरे अंदर भी सैलाब,
जीवन तेरा तो बहना है
तू क्या जाने यह गहना है
बस यही बात मुझे कहना है
किसको आकर के रहना है,
बहता जा जब तक जीवन है
भू पर जन्मा यह क्या कम है
मत कभी कहो गम ही गम है
अम्बर में चंदा हरदम है |
(मौलिक व अप्रकाशित)
Comment
बहती धारा का नदिया से कहना कि नहीं बह कर जाना उसे... और नदिया का उसे समझाना की बहना ही उसका कर्तव्य है.. और इस कहन के अंत में जीवन जीने की सीख देना... अंतर्भाव के स्तर पर यह अभिव्यक्ति बहुत पसंद आयी मुझे आपको बहुत बहुत बधाई विवेक झा जी.
लेकिन कथ्य संयोजन बहुत बिखरा बिखरा सा लगा.. दुसरे बंद में वचन दोष भी दिखा.
इसी कथ्य को कम शब्दों में समेटने का प्रयास होना चाहिए था..ज्यादा प्रभावी रहता.
आप और साथी पाठकों की भी अतुकांत रचनाएं समझते बूझते पढ़ते जाएं..बहुत कुछ स्पष्ट होता चलेगा
इस सद्प्रयास पर मेरी हार्दिक शुभकामनाएं
स सुन्दर रचना के लिए बधाई ..
बहुत सुन्दर रचना के लिये आपको बधाई |
वह घटना हुई थी अकस्मात
रजनी के चौखट शुभ प्रभात
और वेगमयी थी प्रबल वाट
धारा को हुई थी अश्रुपात |..... क्या कहने ! वाह
प्रिय अनुज एक कहानी को काव्यात्मक रूप देने का अच्छा प्रयास है..पर कहीं कहीं टूटन सी प्रतीत हुई..यह छंद कौन सा है..और अगर केचुआ छंद भी है तो भी लयबद्धता बाधित हो रही है..जैसे
धारा ने अश्रु नयन लिया
करबद्ध नदी से विनय किया...इसमें यदि आप धारा ने आंसू नयन लिए..करबद्ध नदी से विनय किया
भी कहते तो भी लय नहीं टूटता..ऐसा मेरा मानना है..दूसरी बात कथ्य पर थोड़ा सा ध्यान दे दीजिए..कविता वंडरफुल हो जायेगी..
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