For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल- सारथी || आशिकों की आँख का मोती ग़ज़ल ||

आशिकों की आँख का मोती ग़ज़ल

देखिए , हंसती कभी रोती ग़ज़ल/१ 

है नफ़ासत औ मुहब्बत से पली

तरबियत के बीज भी बोती ग़ज़ल/२ 

इन लतीफ़ों –आफ़रीं के दरम्यां

आलमी मेयार को खोती ग़ज़ल/३ 

मुफ़लिसी , ये भूख औ तश्नालबी

देख ये मंजर, कहाँ सोती ग़ज़ल/४ 

‘सारथी’ जाया न नींदें कीजिये

रतजगा करके कहाँ होती ग़ज़ल/५

.....................................................

सर्वथा मौलिक व अप्रकाशित  

अरकान: २१२२ २१२२  २१२    

Views: 730

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Saarthi Baidyanath on March 29, 2014 at 2:00pm

आदरणीय बहुत दिनों से नदारद था मंच से ...क्षमा प्रार्थी ! आपका स्नेह मिला , बहुत बहुत धन्यवाद ! आशीष देते रहिएगा ! 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on March 23, 2014 at 3:42pm

ग़ज़लके हो जाने के तथ्य को साझा करती और ग़ज़ल की इकाई का बयान करती आपकी ग़ज़ल अपने उद्येश्य में सफल है, भाईजी.

शुभ-शुभ

Comment by Saarthi Baidyanath on March 10, 2014 at 1:30pm

कोटिशः धन्यवाद आदरणीया  Dr.Prachi Singh जी ! आपका स्नेह पाकर , उर्जा मिल जाती है ..नव-लेखन के लिए !..नमन !


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on March 10, 2014 at 10:56am

बहुत खूबसूरत मतला..

आशिकों की आँख का मोती ग़ज़ल

देखिए , हंसती कभी रोती ग़ज़ल/१...............वाह.

ग़ज़ल पर कही गयी ये ग़ज़ल बहुत सुन्दर हुई है 

हार्दिक बधाई आ० वैद्यनाथ सारथी जी 

Comment by Saarthi Baidyanath on March 6, 2014 at 1:35pm

मान्यवर  जितेन्द्र 'गीत' साहब , बहुत मेहरबानी ! सादर प्रणाम ! स्नेह देने के लिए :)

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on March 5, 2014 at 11:12pm

बेहद खूबसूरत गजल कही है आपने आदरणीय बैद्यनाथ जी, हार्दिक बधाई स्वीकारें

Comment by Saarthi Baidyanath on March 5, 2014 at 10:34pm

सादर आभार ज्ञापित कर रहा हूँ आदरणीय  Kewal Prasad जी ! स्नेह बनाये रखियेगा ! नमन सहित :)

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on March 5, 2014 at 7:29pm

आ0 वैद्यनाथ भाई जी, '

"है नफ़ासत औ मुहब्बत से पली

तरबियत के बीज भी बोती ग़ज़ल!'......'सुन्दर गजल कही है। बधाई स्वीकारे। सादर,

Comment by Saarthi Baidyanath on March 4, 2014 at 9:18pm

मान्यवर gumnaam pithoragarhi जी , आपका आशीष मिला , खुशनसीबी है हमारी ! बहुत बहुत धन्यवाद आपका ! सादर नमन !

Comment by gumnaam pithoragarhi on March 4, 2014 at 6:18pm

सारथी’ जाया न नींदें कीजिये

रतजगा करके कहाँ होती ग़ज़ल

 

इन लतीफ़ों –आफ़रीं के दरम्यां

आलमी मेयार को खोती ग़ज़ल

 

khoob bahut khoob bhaiji badhai

 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Saurabh Pandey's blog post दीप को मौन बलना है हर हाल में // --सौरभ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। लम्बे अंतराल के बाद पटल पर आपकी मुग्ध करती गजल से मन को असीम सुख…"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं।हार्दिक बधाई। भाई रामबली जी का कथन उचित है।…"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आदरणीय रामबली जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । बात  आपकी सही है रिद्म में…"
Tuesday
रामबली गुप्ता commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"बड़े ही सुंदर दोहे हुए हैं भाई जी लेकिन चावल और भात दोनों एक ही बात है। सम्भव हो तो भात की जगह दाल…"
Monday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई लक्ष्मण धामी जी"
Monday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई चेतन प्रकाश जी"
Monday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय, सुशील सरना जी,नमस्कार, पहली बार आपकी पोस्ट किसी ओ. बी. ओ. के किसी आयोजन में दृष्टिगोचर हुई।…"
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . रिश्ते
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय "
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार "
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . संबंध
"आदरणीय रामबली जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार ।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service