For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

प्रीत पहेली ....

प्रीत पहेली ....

मन तन है
या तन मन है
ये जान सका न कोई
भाव की गठरी
बाँध के अखियाँ
कभी हंसी कभी रोई
प्रीत पहेली
अब तक अनबुझ
हल निकला न कोई
बैरी हो गया
नैनों का सावन
भेद छुपा न कोई
सीप स्नेह में लिपटा मोती
बस चाहे इतना ही
सज जाऊं
उस तन पे जाकर
जिसकी छवि हृदय में सोई

सुशील सरना
मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 394

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil Sarna on July 17, 2014 at 9:20pm

आदरणीय  सौरभ पाण्डेय  जी रचना पर आपकी ऊर्जावान प्रशंसा का हार्दिक आभार 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 15, 2014 at 6:59pm

आपकी यह प्रस्तुति जन-मानस की टीस को स्वर देती एक बहुत ही भावुक गीत बन सकती थी. आपकी भावनाओं को हृदय से स्वीकार करते हुए इस प्रस्तुति के लिए सादर धन्यवाद.
शुभेच्छाएँ.

Comment by Sushil Sarna on July 10, 2014 at 9:21pm

आदरणीय डॉ गोपाल नरायन श्रीवास्तव  जी रचना पर आपकी आत्मीय प्रशंसा का हार्दिक आभार 

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on July 10, 2014 at 3:03pm

सरना जी

उत्तम भाव है i  ------सीप - स्नेह में लिपटा  मोती i

Comment by Sushil Sarna on July 9, 2014 at 6:59pm

आदरणीया राजेश कुमारी जी रचना पर आपकी आत्मीय   अभिव्यक्ति  का हार्दिक आभार 

Comment by Sushil Sarna on July 9, 2014 at 6:58pm

आदरणीय डॉ विजय शंकर जी रचना पर आपकी आत्मीय   प्रशंसा का हार्दिक आभार 

Comment by Sushil Sarna on July 9, 2014 at 6:57pm

आदरणीय शिज्जु शकूर साहिब रचना पर आपकी मधुर  प्रशंसा का हार्दिक आभार 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 9, 2014 at 5:56pm

बहुत सुन्दर प्यारी सी प्रस्तुति ,बधाई आपको आ० सुशील सरना जी |

Comment by Dr. Vijai Shanker on July 9, 2014 at 12:19am
" सीप स्नेह में लिपटा मोती
बस चाहे इतना ही
सज जाऊं
उस तन पे जाकर
जिसकी छवि हृदय में सोई "
सुन्दर . व्यवहारिक . बधाई आ o सुशील सरना जी .

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on July 8, 2014 at 8:17pm

वाह आदरणीय सुशील सरना सर बहुत बढ़िया दिली बधाई स्वीकार करें

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Sunday
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Sunday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Apr 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Apr 27
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service