11212 11212 11212 11212
न तो आँधियाँ ही डरा सकीं , न ही ज़लजलों का वो डर रहा
तेरे नाम का लिये आसरा , सभी मुश्किलों से गुजर रहा
न तो एक सा रहा वक़्त ही , न ही एक सी रही क़िस्मतें
कभी कहकहे मिले राह में , कभी दोश अश्कों से तर रहा
कोई अर्श पे जिये शान से , कहीं फर्श भी न नसीब हो
कहीं फूल फूल हैं पाँव में , कोई आग से है गुज़र रहा
तेरी ज़िन्दगी मेरी ज़िन्दगी , हुआ मौत से जहाँ सामना
हुआ हासिलों का शुमार जब , ये सिफर हुआ वो सिफर रहा
कभी था यक़ीन भी छाँव पर , कभी धूप भी थी खिली हुई
हुई बदलियों में वो साजिशें , न वो आफताब न घर रहा
ऐ खुदा तेरे तो जहान की , है हक़ीकतें भी अजब गज़ब
कोई खाया इतना कि मर गया, कोई खा सका न तो मर रहा
गिरी बिजलियाँ यहाँ इस क़दर ,जला ख़्वाब का मेरा आशियाँ
बड़ा अब सुकून हुआ मुझे , न वो घर रहा न वो डर रहा
*******************************
मौलिक एवँ अप्रकाशित ( संशोधित )
Comment
आदरणीय शिज्जु भाई , सारी आसानियाँ इसी मंच के देन है , इस मंच का और आपका तहे दिल से शुक्रिया ॥
आदरणीय निलेश भाई , आपकी उत्साह वर्धन करती प्रतिक्रिया के लिये आपका तहे दिल से शुक्रिया ॥
आदरणीय बड़े भाई , ग़ज़ल को आपका आशीर्वाद मिला , सराहना मिली तो ग़ज़ल कहना सफल हुआ ॥ आपका हृदय से आभारी हूँ ॥
बहुत खूब सर इस मुश्किल बह्र पर भी आप बड़ी आसानी से अपनी बात कह लेते हैं बहु बहुत बधाई इस ग़ज़ल के लिये
बहुत सुन्दर ग़ज़ल ... दिल लूटने वाली और गाने वालों कि सबसे पसंदीदा और मुश्किल बह्र पर ग़ज़ल कहने के लिए विशेष बधाई
आ------हा------
मित्र
क्या चुन चुन के गजल कही है i कलम हो तो ऐसी ! मै निशब्द हूँ प्रिय i
आदरणीया कल्पना जी , गज़ल की सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार ॥
सर आप बहुत अच्छी गजल लिखते हैं बहुत बधाई आपको /सादर
आदरणीय गणेश बागी भाई जी , आपकी सलाह सर आखों पर , सीखने की प्रक्रिया जीवन भर चलाती रहती है , मै ज़रूर आपकी सलाह के अनुसार आगे प्रयत्न करूंगा । रचना को समय देने के लिये और सराहना के लिये आपका हृदय से आभारी हूँ ॥
आदरणीय विजय शंकर भी , ग़ज़ल पर आपकी उत्साह वर्धन करती प्रतिक्रिया के लिये आपका दिल से आभारी हूँ ॥
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online