२१२२...२१२२...२१२.
फाइलातुन फाइलातुन फाइलुन ..
=====================
आजकल हँसता हंसाता कौन है
गम छुपा के मुस्कराता कौन है !!
हम ज़माने पे यकीं कैसे करें,
आज कल सच-सच बताता कौन है.!!
उलझनों में भी हैं कुछ नादानियाँ,
याद बचपन की भुलाता कौन है !!
जब मिलूँगा तो शिकायत भी करू
इसलिए मुझको बुलाता कौन है!!
दो घडी की बात है ये ज़िन्दगी,
ज़िन्दगी भर को निभाता कौन है.!!
हार है या जीत है इस खेल में,
छोड़ कर मैदान जाता कौन है !!
(मौलिक एवं अप्रकाशित )
** आलोक **
मथुरा
Comment
बेहद शानदार गजल ,आ.अलोक जी |
सुंदर i असरदार i
हम ज़माने पे यकीं कैसे करें,
आज कल सच-सच बताता कौन है.!!..........बहुत सुन्दर ..बधाई स्वीकारें आदरणीय
आजकल हँसता हंसाता कौन है
गम छुपा के मुस्कराता कौन है !!
Waaaah khoob Matla Huaa hai
हम ज़माने पे यकीं कैसे करें,
आज कल सच-सच बताता कौन है.!!
Aaj Kal Sach Ko Batata Kaun hai. Aesa kuch kiya jaa sakta hai
उलझनों में भी हैं कुछ नादानियाँ,
याद बचपन की भुलाता कौन है !!
Waaaaaaaaaaaah
जब मिलूँगा तो शिकायत भी करू
इसलिए मुझको बुलाता कौन है!!
ise aur polish kariye bahut achcha sher hoga
दो घडी की बात है ये ज़िन्दगी,
ज़िन्दगी भर को निभाता कौन है.!! Is Misare Men Ko Bharti ka lag raha hai Jisase Lay atak rahi hai uski jagah Aik Suggestion Hai Dekhiye
DO GHADI SAB SATH CHALTE HAI YAHA'N
ZINDAGI MEN SATH JATA KAUN HAI
हार है या जीत है इस खेल में,
छोड़ कर मैदान जाता कौन है !!
IS SHER MEN CLEAR NAHIN AAP KAUN SE KHEL KI BAAT KAR RAHE HAI
JEET BHI MILTI RAHI AU'R HAAR BHI. AAP PAHLA MISARA YUN KAHE TO ZYADA MAANI NIKALTE HAI
YE MERE NIJI SUJHAAV HAI INHE MANNA YA NA MANNA AAPKE UPAR HAI SAHAB
BAHUT ACHCHI GHAZAL KAHI HAI MUBARAK BAAD AAPKO AUR KAHTE RAHIYE QAMIYABI MILEGI ZAROOR
हम ज़माने पे यकीं कैसे करें,
आज कल सच-सच बताता कौन है.!!--वाह्ह्ह्ह
बहुत सुन्दर ग़ज़ल ...हार्दिक बधाई आपको आलोक जी
उलझनों में भी हैं कुछ नादानियाँ,
याद बचपन की भुलाता कौन है !!
बहुत खूब , हार्दिक बधाई स्वीकारें आदरणीय आलोक जी l
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online