For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

यह है
विचित्रदूनिया
जहाँ सच को मिलती सज़ा
झूठ लेता है मज़ा
यहाँ काटा जाता है
बर्बरिक का सर
ईशा ही चढ़ता है
सूली पर
सुकरातऔर मीरा को
पिलाते है जहर
मारा जाता है
जूलियस सीज़र.
हर पाक दामन को
गंदा करते हैं
कीचड़ डाल कर
जब टूटते है
सामाजिक रिश्ते
बदनाम होते है
फरिश्ते.

मौलिक वा अप्रकाशित

Views: 499

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr.Vijay Prakash Sharma on March 13, 2015 at 2:37pm

आदरणीय (मित्रगन) सर्वश्री विजय शॅंकर जी,शिज़्ज़ू "शकूर" जी, महर्षि त्रिपाठी जी,नीरज कुमार "नीर" जी, जितेन्द्र जी,कृष्ण मिश्रा "जान"गोरखपुरी जी,हरी प्रकाश दूबे जी, तथा श्याम जी!
"विचित्र दुनियाँ" पर आप सबों की सराहना से अविभूत हूँ,आप सबों का हार्दिक आभार. स्नेह बनाए रखें.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on March 13, 2015 at 8:49am

आदरणीय डॉ विजय प्रकाश सर क्या खूब भावाभिव्यक्ति है बहुत बहुत बधाई आपको इस रचना के लिये

Comment by Dr. Vijai Shanker on March 12, 2015 at 9:35pm
जहां सच अपनी पहचान ढूँढता है ,
झूठ व्यवस्था के सर पर बैठा होता है ,
बहुत सुन्दर, सटीक प्रस्तुति, आदरणीय विजय प्रकाश शर्मा जी , बधाई , सादर।
Comment by maharshi tripathi on March 12, 2015 at 8:42pm

क्या हकीक़त बयां किया है आपने आज की इस दुनिया के बारे में ,,,आपको हार्दिक बधाई आ. Dr.Vijay Prakash Sharma जी |

Comment by Neeraj Neer on March 12, 2015 at 7:58pm

सत्य है ... 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on March 12, 2015 at 7:12pm

बहुत सुंदर प्रस्तुति,आदरणीय डा.विजय प्रकाश जी. कविता का  अंदाज आक्रोशित है पर मन को भा गया. हार्दिक बधाई स्वीकारें

Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on March 12, 2015 at 4:17pm

सुन्दर कविता पर हार्दिक बधाईयाँ! आ० डॉक्टर विजय प्रकाश शर्मा जी!

Comment by Hari Prakash Dubey on March 12, 2015 at 3:03pm

आदरणीय डॉक्टर विजय प्रकाश शर्मा जी, सुन्दर प्रस्तुति ,हार्दिक बधाई ! सादर  

Comment by Shyam Mathpal on March 12, 2015 at 2:14pm

Aadarniya Dr.Vijay Prakash Sharma j,

Aapne itihas main jhank kar sahi chitran kiya hai. Aaj bhi ye ho raha hai. 

जब टूटते है 
सामाजिक रिश्ते 
बदनाम होते है फरिश्ते.------ Bahut sundar shabd..... Bahut badhai... aabhar.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"आ. अमीरुद्दीन अमीर साहब जब मलाई लिख दिया गया है यानी किसी प्रोसेस से अलगाव तो हुआ ही है न..दूध…"
4 hours ago
Ashok Kumar Raktale commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, पहलगाम की जघन्य आतंकी घटना पर आपने अच्छे दोहे रचे हैं. उस पर बहुत…"
19 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी, महाकुंभ विषयक दोहों की सार्थक प्रस्तुति के लिए हार्दिक धन्यवाद. एक बात…"
20 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"वाह वाह वाह !  आदरणीय सुरेश कल्याण जी,  स्वामी दयानंद सरस्वती जैसे महान व्यक्तित्व को…"
20 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"जय हो..  हार्दिक धन्यवाद आदरणीय "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,  जिन परिस्थितियों में पहलगाम में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया गया, वह…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी left a comment for Shabla Arora
"आपका स्वागत है , आदरणीया Shabla jee"
yesterday
Shabla Arora updated their profile
yesterday
Shabla Arora is now a member of Open Books Online
Monday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"आदरणीय सौरभ जी  आपकी नेक सलाह का शुक्रिया । आपके वक्तव्य से फिर यही निचोड़ निकला कि सरना दोषी ।…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"शुभातिशुभ..  अगले आयोजन की प्रतीक्षा में.. "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"वाह, साधु-साधु ऐसी मुखर परिचर्चा वर्षों बाद किसी आयोजन में संभव हो पायी है, आदरणीय. ऐसी परिचर्चाएँ…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service