“माँ! तुम कह रही थी न, शादी कर ले ! सोचता हूँ, कर ही लूँ।“
“कोई पसंद है क्या ? बता दे ?”
“हाँ पसंद तो है । मेरे साथ काम करती है। तुम्हें और पिता जी को ऐतराज तो नहीं होगा ?“
“हमें क्यों ऐतराज होगा भला ! तेरी खुशी में ही हमारी खुशी है। पर हाँ! लड़की मांगलिक नही होनी चाहिए!, अपने से छोटी जाति की भी नहीं , और स्वागत में कोई कमी भी न हो !“
मौलिक एवं अप्रकाशित
Comment
आ. जितेन्द्र जी, आपकी सकरात्मक प्रतिक्रिया के लिए आभार
आ. लक्ष्मण सर, अापका आभार , पर आपने ठीक से पढ़ा नहीं शायद..सादर
आदरणीय विजय शंकर सर .. कथा पसंद करने के लिए आपका हार्दिक आभार, सादर
अच्छी लघुकथा है महिमा दी
आदरणीया महिमा जी , अच्छी लघुकथा और सटीक शर्तें !! आपको कथा के लिये बधाई ॥
महिमा श्री लघुकथा ये हुई !
इस सुन्दर प्रस्तुति को पढ़ गया और बिना किसी मॉडिफिकेशन के बने रहने दे रहा हूँ. नो इफ़्स-बट.. जो है सो ऐसे ही..
बहुत-बहुत बधाई..
वाह महिमा जी -------------कोई ऐतराज न रहने पर इतने प्रतिबन्ध .बहुत कम शब्दों में आपने दमदार बात की . बधाई .
सुंदर प्रस्तुति ,आदरणीया महिमा जी. आजकल या कहें हमेशा से रिश्तों में शर्तें तो ऐसे ही लागू रही है या होती रहीं है.
कोई एतराज नहीं पर हाँ - - - - - - - - पर लड़की के मौन ने सब कह दिया | सुंदर लघु कथा के लिए बधाई
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online