For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गिरने की कीमत (लघुकथा)

दो गायक महीनों बाद सवेरे की सैर पर साथ निकले|

एक ने पूछा, "तुमने शास्त्रीय संगीत छोड़ कर ये घटिया राग अलापना क्यों शुरू किया?"

दूसरे ने कहा, "शास्त्रीय संगीत ने आत्मा को चैन और अमन की दौलत दी, लेकिन मेरी पत्नी और बच्चे भूखे रहे| अब मेरे गानों को गली में घूमने वाले गाते हैं, पान की दुकानों और वाहनों में बजता है, बच्चे उन पर नृत्य करते हैं.... और अब देखो कल ही ये खरीदा है|"

उसने एक बड़े से मकान की ओर इशारा किया, जिसे देखते ही पहले के फटे कपड़ों में से शास्त्रीय संगीत की आत्मा

निकल छूटी|

(मौलिक और अप्रकाशित)

Views: 606

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on August 21, 2017 at 9:27pm

बहुत बढ़िया आदरणीय चंद्रेश भैया | हार्दिक बधाई आपको इस कथा के लिए | सच में ऐसा ही हो रहा है |

Comment by Dr. Chandresh Kumar Chhatlani on August 13, 2015 at 11:48am
हृदय से आभार आदरणीय डॉ. नीरज शर्मा जी, आदरणीय ओमप्रकाश जी क्षत्रिय सर, आपने रचना को पसंद कर सकारात्मक टिप्पणी द्वारा मुझे प्रोत्साहन दिया|
Comment by Omprakash Kshatriya on August 12, 2015 at 9:27pm

आ चंद्रेश जी हर बार की तरह इस बार भी बढ़िया लघुकथा हुई है .

Comment by Dr. Chandresh Kumar Chhatlani on August 5, 2015 at 5:43pm

आदरणीय जवाहर लाल सिंह जी, आपका हृदय से आभार आपने लघुकथा को पसंद किया और अपने शब्दों  द्वारा मेरा मनोबल बढाया|

Comment by Dr. (Mrs) Niraj Sharma on August 5, 2015 at 5:42pm

बहुत अच्छा विषय व प्रस्तुति आ.चंद्रेश कुमार जी

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on August 4, 2015 at 9:50pm

बेहतरीन लघुकथा हुई है!

Comment by Dr. Chandresh Kumar Chhatlani on August 4, 2015 at 8:43pm

रचना  को  पसंद  करने  और अपनी अमूल्य टिप्पणी देकर मुझे  कृतार्थ करने हेतु मैं आप सभी का हृदय से आभारी हूँ, आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी, आदरणीया राजेश कुमारी जी, आदरणीया प्रतिभा पांडे जी, आदरणीया  अर्चना त्रिपाठी जी, आदरणीय तेजवीर सिंह जी सर|

Comment by TEJ VEER SINGH on August 4, 2015 at 10:17am

आदरणीय चंद्रेश जी, बहुत शानदार लघुकथा!हार्दिक बधाई!आज का कलाकार यह जान चुका है कि चूल्हा जलाना कितना अनिवार्य है केवल वाह वाही से पेट नहीं भरता!

Comment by Archana Tripathi on August 4, 2015 at 12:17am
उत्कृष्ट और दमदार कथा के लिए हार्दिक बधाई chandresh kumar ji
Comment by pratibha pande on August 3, 2015 at 7:50pm
आज के शास्त्रीय संगीत का सीन दस साल पहले के सीन से एकदम भिन्न हैं . कई ख्याति लब्ध बॉलीवुड गायक इस संगीत की अहमियत समझ इसकी ओर लौट रहे हैं लम्बे समय तक संगीत में टिके रहने के लिए इसकी कितनी अहमियत है ये सब गायक जानते हैं और मानते हैं चाहे वो रॉक गाते हैं या पॉप . और आज के समय में वो फटेहाल तो बिलकुल नहीं हैं . बधाई इस रचना के लिए आ० चंद्रेश जी

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service