Comment
बेहतरीन समर सर!शेर दर शेर दाद प्रेषित है!
सादर.
अादरणीय समर कबीर जी हमेशा की तरह शानदार ग़जल हुई है शेर दर शेर दाद हाज़िर है. सादर
अादरणीय समर कबीर साहब हमेशा की तरह खूबसूरत ग़जल हुई है;;;;;;;;;;;;;;;;
बेहतरीन ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
अादरणीय समर कबीर साहब हमेशा की तरह खूबसूरत ग़जल हुई है
मिलेंगे हम मगर ये शर्त होगी
हमारे दरमियाँ पर्दा रहेगा हमें इसमें जो नजाकत दिखाई दी है उसे सलाम ।
वैसे गजल के अलावा बात करें तो हम तो यही चाहेगे कि जब कभी मिलना हो कोई पर्दा न हो फिर चाहे उसके जलवो में हम खाक ही क्यो न हो जाए कम से कम हसरत तो न रहेगी । जब खाक हो के उसी में मिलना है तो मुक्त भी हो जाएं । आपसे बात करके हमेशा अच्छा लगता है इसलिये अपने विचार साझा कर लिये यदि धृष्टता हुई हो तो क्षमा कर करें ।
गज़ल पर शेर दर शेर दाद कुबूल करें।सादर।
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online