For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जरूरत (लघुकथा)

मॉल से दीवाली की ढेर सारी खरीदारी करके जैसे ही कार से गेट के बाहर निकले,एक गुब्बारे बेचने वाला कम उम्र का लड़का दौड़कर आया और गुब्बारे खरीदने की इल्तिज़ा करने लगा।
"अरे नहीं चाहिये भैया !"
"ले लो ना बीबी जी! "
"हां मम्मा ! ले लो ना मुझे चाहिये "
"अरे नहीं बेटा! क्या करोगे?अभी इतने सारे खिलौनें खरीदे है ना।"
"जाओ भैया!हमें जरूरत नहीं ।"उसने झिड़कने के अंदाज में कहा ।
लड़का थोड़ा हताश हुआ और बोला -
"कुछ चीजें जरूरी तो नहीं जब जरूरत हो तभी खरीदी जाए बीबी जी!"
पीछे सीट पर रखे अनाप-शनाप सामान पर एक नजर डाल,लड़के ने कटाक्ष किया और आगे बढ़ गया ।

.
मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 694

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Rahila on February 24, 2016 at 1:30pm
बहुत शुक्रिया सर जी! आपने अपनी बहुमू।ल्य राय देकर मेरा मार्गदर्शन किया । सादर धन्यवाद ।

प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on February 24, 2016 at 10:02am

//"कुछ चीजें जरूरी तो नहीं जब जरूरत हो तभी खरीदी जाए बीबी जी!"//

एक कम उम्र बच्चे के मुँह से ऐसा भारी भरकम संवाद स्वाभाविक नहीं लग रहा राहिला जी, ज़रा गौर फरमाएँI बहरहाल, लघुकथा के भाव बेहद सुंदर हैं जिस हेतु मेरी हार्दिक बधाई प्रेषित हैI    

Comment by Rahila on November 4, 2015 at 9:35pm
बहुत आभार आप सब का । आप सब ने अपना अमूल्य समय दिया मेरी रचना को और बेहद सुन्दर टिप्पणियां दी । बहुत -बहुत आभार ।
Comment by TEJ VEER SINGH on November 4, 2015 at 5:01pm

हार्दिक बधाई आदरणीय राहिला जी!अच्छी लघुकथा!

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on November 4, 2015 at 12:46pm
बेहतरीन सहज भाव पूर्ण प्रस्तुति हुई है आदरणीया राहिला जी। बहुत बहुत हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ आपको।
Comment by Rahila on November 4, 2015 at 11:15am
बहुत शुक्रिया आदरणीय आबिद साहब !रचना पर सुन्दर टिप्पणी के लिये । बहुत आभार ।
Comment by Rahila on November 4, 2015 at 11:13am
बहुत शुक्रिया प्रिय प्रतिभा दी! आपकी उपस्थित ही मेरे लिये बहुत खुशी की बात है । उस पर हौसला अफज़ाई बड़ी खुशनसीबी मेरी ।बहुत आभार ।
Comment by Rahila on November 4, 2015 at 11:09am
बहुत आभार आदरणीय मिथलेश जी! आपका इतनी बारीकी से रचना का अवलोकन बहुत ही अच्छा लगा।आज महसूस हो रहा है सही मंच पर हूं अपनी हर रचना पर आपका अमूल्य समय चाहूंगी और आपकी टिप्पणियों का इंतेजार रहेगा ।सादर नमन ।
Comment by Abid ali mansoori on November 3, 2015 at 8:54pm

आदरणीया राहिला जी मन को छूती इस लघुकथा के लिए हार्दिक वधाई स्वीकारें!

Comment by pratibha pande on November 3, 2015 at 7:01pm

कटु सत्य कितने सरल शब्दों में बयां कर दिया आपने राहिला जी , शिल्प बढ़िया कसावट लिए है ,बधाई आपको इस उत्तम रचना कर्म के लिए 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी चुनाव का अवसर है और बूथ के सामने कतार लगी है मानकर आपने सुंदर रचना की…"
18 minutes ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी हार्दिक धन्यवाद , छंद की प्रशंसा और सुझाव के लिए। वाक्य विन्यास और गेयता की…"
48 minutes ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी  वाह !! सुंदर सरल सुझाव "
57 minutes ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक कुमार रक्ताले जी सादर अभिवादन बहुत धन्यवाद आपका आपने समय दिया आपने जिन त्रुटियों को…"
59 minutes ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी सादर. प्रदत्त चित्र पर आपने सरसी छंद रचने का सुन्दर प्रयास किया है. कुछ…"
1 hour ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव साहब सादर, प्रदत्त चित्रानुसार घुसपैठ की ज्वलंत समस्या पर आपने अपने…"
1 hour ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
""जोड़-तोड़कर बनवा लेते, सारे परिचय-पत्र".......इस तरह कर लें तो बेहतर होगा आदरणीय अखिलेश…"
1 hour ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"    सरसी छंद * हाथों वोटर कार्ड लिए हैं, लम्बी लगा कतार। खड़े हुए  मतदाता सारे, चुनने…"
1 hour ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ भाईजी हार्दिक आभार धन्यवाद , उचित सुझाव एवं सरसी छंद की प्रशंसा के लिए। १.... व्याकरण…"
3 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छन्द लोकतंत्र के रक्षक हम ही, देते हरदम वोट नेता ससुर की इक उधेड़बुन, कब हो लूट खसोट हम ना…"
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश कृष्ण भाईजी, आपने प्रदत्त चित्र के मर्म को समझा और तदनुरूप आपने भाव को शाब्दिक भी…"
20 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"  सरसी छंद  : हार हताशा छुपा रहे हैं, मोर   मचाते  शोर । व्यर्थ पीटते…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service