१- अच्छे दिन !
सुबह-शाम !
घर-चौबारे आशंकित
प्रतीक्षारत सहेजते हैं...
दीप-बाती और तेल
आक्रोशित तम व्यग्रतावश बिखेर देता
असंख्य नक्षत्र....
भद्रा से प्रभावित
आर्द्रा-रोहिणी
व्यथित कृष्ण-ध्रुव की राह तकती
चांद, बादलों के घात से दु:खी
हवायें दृश्य बदल देतीं
बसंत के इशारों पर पतझड़
होलिका दहन कर बिखेरते
रोशनी,
चांदनी में लम्बी-लम्बी छाया...
ठूंठ वृक्ष,
नंगी टहनियां सब के सब...
खेलते रक्त की होली.
सुबह-शाम !
घर-चौबारे आशंकित
प्रतीक्षारत..
सहेजते दीप-बाती और.........!
२- लक्ष्य...!
हाथों की रेखाएं भाग्यवश
टेढ़ी-मेढ़ी पगडण्डी पुरुषार्थ की
रोकतीं आलस्य
संगठित ऊंगलियां
इंकलाब की मुठ्ठी
तोड़ देतीं पैरों की जंजीरें
कर्म के पथ पर श्रम
कदमों से नाप लेते
लक्ष्य..!
रचनाकार....केवल प्रसाद सत्यम
मौलिक व अप्रकाशित
Comment
गहन भाव लिए दोनों शानदार रचनाओं के सृजन और माह की सर्व श्रेष्ठ रचना के सम्मान के लिए आपको हार्दिक बधाई आदरणीय
केवल प्रसाद जी
आ० प्रदीप स्र्र जी, सादर प्रणाम! आपके सानिश्य व आशीर्वाद ने सदैव ही मुझे प्रेरित किया है, आपका साहित्य के प्रति अत्यधिक लगाव व निस्वार्थ पूर्ण निष्ठा ने मुझे सदैव ही प्रभावित किया है. जिसके लिये मैं आपका तहेदिल से बहुत-बहुत आभार व शुक्रगुज़ार हूं, सादर
आ० कांता जी, सादर प्रणाम! आप सदैव ही अच्छी रचनाओं पर अपने सुंदर-सुंदर विचार रखतीं रहीं हैं. यह आपका साहित्य के प्रति अत्यधिक लगाव ही प्रदर्शित करता है जो एक सच्चे रचनाकार के लिये उसकी निष्ठा है, आपके अनुमोदन / बधाई देने के लिये आपका तहेदिल से बहुत-बहुत आभार, सादर
आ० राम बली भाई जी, सादर प्रणाम! आपके अनुमोदन / बधाई देने के लिये आपका तहेदिल से बहुत-बहुत आभार, सादर
आ० राजेश'दी जी, सादर प्रणाम! समय न मिलने के कारण पोस्ट पर देर आने के लिये क्षमा चाहता हूं. मैंने इस रचना से भी अधिक कई अच्छी रचनाएं दी हैं किंतु इसे ही सर्वश्रेष्ठ रचना होने का सम्मान मिला यह वास्तव में बड़े गर्व की बात है. आपके अनुमोदन से भी मुझे हाअर्दिक प्रसन्नता/ आश्वस्ति मिली, जिसके लिये आपका तहेदिल से बहुत-बहुत आभार, सादर
आदरणीय सत्यम जी
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शब्दों में न बंधे आप
न कोई बाँध पाया है
काल जयी रचना रची
हृदय ने आनंद पाया है
सादर बधाई
वाह ! बेहतरीन और गूढ़ लेखनी के धनी है आप . अप्रतीम रचना है ये आपकी आदरणीय केवल जी . इस सार्थक रचना को तो सम्मानित होना ही था .बहुत बहुत बधाई आपको इस द्विगुणित उपल्ब्धियों के लिए . सादर
आपकी कविता बहुत शानदार है तथा माह की सर्वश्रेष्ठ रचना के लिए सचमुच डीजर्व करती थी अच्छे दिन और लक्ष्य दोनों ही बहुत पसंद आई |दिल से बहुत- बहुत बधाई आपको
आ० गणेश जी "बागी, संस्थापक सह मुख्य प्रबंधक, ओपन बुक्स ऑनलाइन ...मेरी कविता "अच्छे दिन !" को "महीने की सर्वश्रेष्ठ रचना" के रूप में सम्मानित किये पर मुझे हार्दिक प्रसन्नता हुई. इस विशिष्ट उपलब्धि के लिये मैं आकण्ठ अभिभूत हूं. इसखुशी के अवसर पर आपको तथा ओ०बी०ओ० के समस्त प्रबंध समिति का तहेदिल से शुक्रिया, आभार प्रकट करता हूं. सादर
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