"अबे तू मुंह बन्द करके बैठेगा, देखता नहीं बड़े लोग आपस में बात कर रहे हैं"
थानेदार ने घुड़की पिलाई और पत्रकार मित्र की ओर खींसे निपोरी। बेचारा शंकरा और सिमट गया, मुलिया ने बारह वर्षीया चुन्नी के पैरों पर का कपड़ा ठीक किया और बड़बड़ाने लगी दिमाग ठिकाने नहीं था उसका जब से बेटी की ऐसी हालत देखी थी चारों तरफ लाल ही रंग दिख रहा था उसे। पत्रकार महोदय ने कहा:
"ये तो और भी अच्छा है कि शंकरा नेता जी के घर के पास वाली झुग्गियों में रहता है नहीं तो चैनल मुझे नौकरी से ही निकाल देता अब लपेटता हूं नेता जी को भी आखिर मुझे भी तो प्रमोशन चाहिये। फोटो दिलवाओ ज़रा भाई साब" उसने थानेदार से कहा।
फोटोग्राफर ने दर्द से तड़पती चुन्नी के पैर से कपड़ा ऊपर किया और कहा अरे फोटो तो ठीक से लेने दो लोगों की सहानुभूति कैसे मिलेगी। मुलिया रात को हैवानियत का शिकार हुयी चुन्नी पर और भी झुक गयी जैसे पूरा का पूरा ढक लेगी अपनी लाड़ली को।
(मौलिक और अप्रकाशित)
आभा चन्द्रा
Comment
मार्मिक व सजीव चित्रण!
हार्दिक बधाई!
मुलिया रात को हैवानियत का शिकार हुयी चुन्नी पर और भी झुक गयी जैसे पूरा का पूरा ढक लेगी अपनी लाड़ली को।
gajab gajab बहुत बहुत बधाई
ब्रेकिंग न्यूज़ के माध्यम से आपने मानवता को शर्मसार करती घिनौनी सच्चाई को बड़ी ही निर्भीकता से उजागर किया है। ये मानवीय विकृति है कि खून के रंग दिखलाकर कोई अपना प्रमोशन चाहता है और कोई अपने खून को बचाने के लिए स्वयं को मिटा जाता है। यहां हर चीज बिकती है फिर वो चाहे वो किसी की सरे आम लुटती इज्ज़त हो ,किसी का कत्ल हो या फिर सभ्यता के गलियारों में अनैतिकता का तांडव हो। बहरहाल इस संवेदनशील विषय पर आपकी इस प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई। काश मानव मानव का दर्द समझ पाये ...
आ. राहिला जी बहुत बहुत शुक्रिया सराहना के लिए
सादर नमन
आदरणीय शहज़ाद उस्मानी जी आप की उत्साहित करने वाली समीक्षा से बहुत बल मिला
ये सब भी ऐसे मुद्दे है जिन परध्यान देने की आवश्यकता है आपको कथा पसंद आई इसकी बेहद प्रसन्नता है मुझे
बहुत बहुत शुक्रिया सराहना के लिए आदरणीय सादर नमन
आदरणीय प्रतिभा पांडेय जी आज के युग की कड़वी सच्चाई है
बहुत बहुत शुक्रिया सराहना के लिए आदरणीया सादर नमन
आदरणीय विजय शंकर सर बहुत खूब समीक्षा की आपने
सच कहा आपने ' ब्रेकिंग न्यूज़ अर्थात तोड़ने वाली खबर , जो तोड़ दे '
बहुत बहुत शुक्रिया सराहना के लिए सादर नमन
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