2122 2122 2122
बेदिली के अनवरत ये सिलसिले हैं
इसलिये तो ख्वाब सारे अनमने हैं
बाद मुद्दत के सफ़र आया वतन तो
थे बशर बिखरे हुये घर अधजले हैं
बादलों औ बारिशों ने साजिशें कीं
भूख की संभावनायें सामने हैं
अस्ल ए इंसानियत मजबूत रक्खो
हर कदम पे ज़िन्दगी में जलजले हैं
इस शहर में चीखने से कुछ न होगा
गूंगी जनता शाह भी बहरे हुये हैं
(मौलिक एवं अप्रकाशित)
बृजेश कुमार 'ब्रज'
Comment
आपकी सलाह सर्वथा उचित है आदरणीय....सुधार की कोशिश करता हूँ :) :)
आपकी सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार आदरणीय सुरेश कुमार 'कल्याण' जी
आदरणीय आशीष सिंह ठाकुर 'अकेला' जी रचना पटल पे आपका अभिनन्दन एवं आभार....
प्रणाम आदरणीय Samar kabeer साहब आप मेरे लिए प्रेरणास्रोत हैं...आप बड़ों से ही सीख रहा हूँ और आपकी बात शिरोधार्य है...लेकिन आपसे थोड़ा विरोधाभाष है...मुझे लगता है कि अगर रचना में आम बोलचाल के शब्दों को स्थान दिया जाये तो रचना ज्यादा कर्णप्रिय हो सकती है आपकी सलाह की प्रतीक्षा में ....
अच्छी रचना हेतु बधाई ब्रज जी !!!
प्रणाम आदरणीय Samar kabeer साहब आपके अमूल्य समय और सार्थक समीक्षा के लिए आपका ह्रदय्तल
से आभार लेकिन आदरणीय हम आम बोलचाल में और कई बार लिखने में मामला ही इस्तेमाल करते हैं....ऐसा क्यों?
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online