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ज़ज्बात के समंदर ऐसी शराब रखना ---फिल्बदीह ग़ज़ल "राज '

मैं फूल इक छुपा दूँ दिल में किताब रखना

तैयार कल उसी में अपना जबाब रखना

 

वो सामने कहूँगा जो बात सच लगी है

तुम नाम चाहे मेरा खानाखराब रखना 

 

 कैसा एजाज़ वल्लाह कैसा हुनर है तुझमे

होटों पे इक तबस्सुम दिल में अज़ाब रखना

 

ले लेगी  जान मेरी तेरी अदा  कसम से

इस वक्त-ए-वस्ल में भी मुख पे निकाब रखना

 

पीकर जिसे सुखनवर अशआर दिल के कह दे 

ज़ज्बात  के समंदर ऐसी शराब रखना

 

मैं खुश रहूँ वहाँ पर है तेरे हाथ में ही

चेहरे को अपने हर दम खिलता गुलाब रखना

 

मेरा हरेक लम्हा तेरी अदा के सदके   

बांहों में  चाँद दिल में इक आफ़ताब रखना 

--------मौलिक एवं अप्रकाशित 

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सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on October 7, 2016 at 8:34pm

आद० अलका जी ,ग़ज़ल पर आपकी उत्साहित करती प्रतिक्रिया की बेहद शुक्रगुजार हूँ |

Comment by अलका 'कृष्णांशी' on October 7, 2016 at 7:47pm

आदरणीया राजेश कुमारी जी बहुत ही सुन्दर रचना  है, हार्दिक बधाई । सादर ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on September 27, 2016 at 11:13am

आद० सुरेश कुमार जी,आपको ग़ज़ल पसंद आई दिल से आपका बहुत बहुत  आभार | 

Comment by सुरेश कुमार 'कल्याण' on September 27, 2016 at 9:07am
वो सामने कहूँगा जो बात-------
वाह आदरणीया राजेश कुमारी जी बहुत ही सुन्दर रचना के लिए हार्दिक बधाई प्रेषित है । सादर ।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on September 25, 2016 at 8:27pm

आद० डॉ.गोपाल भाई जी,आपको ग़ज़ल पसंद आई बहुत बहुत शुक्रिया |  


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on September 25, 2016 at 8:26pm

आद०  वासुदेव अग्रवाल जी, आपका  तहे  दिल से शुक्रिया | 

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on September 25, 2016 at 7:41pm

वो सामने कहूँगा जो बात सच लगी है

तुम नाम चाहे मेरा खानाखराब रखना 

 -----------------------------क्या बात है आ० दीदी श्री

Comment by बासुदेव अग्रवाल 'नमन' on September 25, 2016 at 7:16pm
राजेश कुमारीजी शानदार ग़ज़ल कही है। बधाई स्वीकारें।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on September 25, 2016 at 6:55pm

आद० समर भाई जी , ग़ज़ल पर आपकी मुहर लग गई मेरा लिखना सफल हो गया दिल से बहुत बहुत आभार आपका |


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on September 25, 2016 at 6:54pm

आद० डॉ० पवन मिश्रा जी,आपका दिल से बहुत बहुत शुक्रिया   

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