दुःख बिसराये
सुख को लाये
ऐसा गीत गाऊँ मैं
खट्टी मीठी यादों को
थोड़ा सा गुन गुनाऊं मैं
दूर खड़ा पर्वत पुकारे
चलकर उसतक जाऊं मैं
बादलों से बरसे पानी
झूम झूम कर नाचूँ मैं
खेत बुलाये, परिंदे पुकारें
बोली उनकी समझूँ मैं
नाच उठे मनवा मेरा
गीत ऐसा कोई गाऊँ मैं |
बहती नदी , बहता झरना
कलकल इनकी सुन लूँ मैं
किनारे से टकराती लहरों से
कुछ देर बातें कर लूँ मैं
देखकर वहां गोरी कलाई
बैठकर कुछ देर निहारूँ मैं
सूरज की तपती किरणों से
कुछ देर लड़ जाऊं मैं |
इतराती तितलियों को देख
मन ही मन खुश हो जाऊं मैं
भंवरों की मधुर गुंजन से
मंत्र मुग्ध हो जाऊं मैं |
सुंदर धरती , नीला अम्बर
कैसे खुद को रोक पाऊं मैं
देखकर हर सुंदर चीज़ को
फिर एक नया गीत गाऊँ मैं |
मौलिक एवं अप्रकाशित
Comment
आदरणीया कल्पना जी , सुनदर गीत रचना हुई है , हार्दिक बधाइयाँ ।
आदरणीया कल्पना जी, बहुत अच्छी रचना हुई है। इस प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई। सादर।
सुन्दर भाव भीनी , अच्छी लगी . सादर .
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online