For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ओबीओ की सातवीं सालगिरह का तोहफ़ा

फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन
(एक शैर में तक़ाबुल-ए-रदीफ़ नज़र अंदाज़ कर दें)


जो कहूँ जो लिखूँ ओबीओ के लिये
यूँ समर्पित रहूँ ओबीओ के लिये

माँगता हूँ यही आजकल मैं दुआ
जब तलक भी जियूँ ओबीओ के लिये

वक़्त इसके लिये कुछ निकालो ज़रा
ये गुज़ारिश करूँ ओबीओ के लिये

दूसरा काम कोई नहीं है मुझे
जब रुकूँ ,जब चलूँ ओबीओ के लिये

आप आऐं हमारे परिवार में
जो मिले ये कहूँ ओबीओ के लिये

अब ग़ज़ल या कथा ही नहीं दोस्तो
छन्द भी मैं लिखूँ ओबीओ के लिये

ज़िक्र इसका रहे हर ज़बाँ पर "समर"
काम ऐसे करूँ ओबीओ के लिये

समर कबीर
मौलिक/अप्रकाशित

Views: 1469

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Samar kabeer on April 5, 2017 at 5:51pm
जनाब सुरेन्द्र नाथ सिंह जी आदाब,सुख़न नवाज़ी के लिये आपका तहे दिल से शुक्रिया । आपने सही कहा,ओबीओ ज़िंदाबाद ।
Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on April 5, 2017 at 5:25pm
आदरणीय समर साहब सादर नमन..बेहतरीन ग़ज़ल हुई..
Comment by Ravi Shukla on April 5, 2017 at 3:12pm

वाह वाह आदरणीय समर साहब क्‍या कहने एक बार फिर कमाल कर दिया ( पहले भी ओ बी ओ केा आधार बना कर एक गजल कही थी आपने जिसका पहला हर्फ ओ बी ओ से शुरू होता था ) आपने बहुत ही अच्‍छे भावों के साथ आपने ओ बी ओ के प्रति अपने समपर्ण को व्‍यक्त किया है दिली दाद ओ तहसीन कुबूल करें । ओ बी ओ जिंदाबाद

Comment by नाथ सोनांचली on April 4, 2017 at 4:35am
आद0 समर कबीर साहब सादर अभिवादन, वाकई में ओ बी ओ जैसा अनूठा मंच मिलना मुश्किल हैं, आपने बहुत उम्दा तरीके से आपने जज़्बात ओ बी ओ के लिए कहें, आपको हम सबकी अनन्त शुभकामनायें और बधाइयाँ
Comment by नाथ सोनांचली on April 4, 2017 at 4:35am
आद0 समर कबीर साहब सादर अभिवादन, वाकई में ओ बी ओ जैसा अनूठा मंच मिलना मुश्किल हैं, आपने बहुत उम्दा तरीके से आपने जज़्बात ओ बी ओ के लिए कहें, आपको हम सबकी अनन्त शुभकामनायें और बधाइयाँ
Comment by Samar kabeer on April 3, 2017 at 2:23pm
जनाब तस्दीक़ अहमद साहिब आदाब,

'है बुरी या भली ओबीओ के लिये
वक़्फ़ है ज़िन्दगी ओबीओ के लिये'

सुख़न नवाज़ी के लिये आपका शुक्रगुज़ार हूँ ।
Comment by Tasdiq Ahmed Khan on April 3, 2017 at 7:31am
है बहुत लाज़मी ओ बी ओ के लिए।--आपकी रहबरी ओ बी ओ के लिए।------मुहतरम जनाब समर साहिब आदाब, ओ बी ओ की मुहब्बत में डूबी खूबसूरत ग़ज़ल के लिए मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं ----
Comment by Samar kabeer on April 2, 2017 at 11:43pm
जनाब महेन्द्र कुमार जी आदाब,सुख़न नवाज़ी के लिये आपका तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ,ओबीओ ज़िंदाबाद ।
Comment by Samar kabeer on April 2, 2017 at 11:41pm
जनाब बासुदेव अग्रवाल 'नमन' जी आदाब,

मैं अकेला नहीं मंच पर देखिये
और भी हैं यहाँ ओबीओ के लिये

सुख़न नवाज़ी के लिये आपका बहुत बहुत शुक्रिया,दुआ कीजिये इसी तरह ओबीओ की सेवा करता रहूँ,ओबीओ ज़िंदाबाद ।
Comment by Samar kabeer on April 2, 2017 at 11:35pm
जनाब तेजवीर सिंह जी आदाब,सुख़न नवाज़ी के लिये आपका शुक्रगुज़ार हूँ,ओबीओ ज़िंदाबाद ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीया ऋचा जी, बहुत धन्यवाद। "
49 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर जी, बहुत धन्यवाद। "
50 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी, आप का बहुत धन्यवाद।  "दोज़ख़" वाली टिप्पणी से सहमत हूँ। यूँ सुधार…"
52 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"//दोज़ख़ पुल्लिंग शब्द है//... जी नहीं, 'दोज़ख़' (मुअन्नस) स्त्रीलिंग है।  //जिन्न…"
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"जी, बहतर है।"
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश कुमार विश्वकर्मा जी आदाब, तरही मिसरे पर ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार…"
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"मुहतरमा ऋचा यादव जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया। आशा है कि…"
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश कुमार विश्वकर्मा जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से…"
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये अमित जी की  टिप्पणी क़ाबिले ग़ौर…"
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर जी नमस्कार बेहतरीन ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये हेर शेर क़ाबिले तारीफ़ हुआ है, फिर भी…"
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय संजय जी नमस्कार बहुत ख़ूब ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये गिरह ख़ूब, अमित जी की टिप्पणी…"
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय लक्ष्मण जी बहुत शुक्रिया आपका सादर"
2 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service