For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आपके ओपन बुक्स ऑनलाइन की चर्चा अब अखबार में भी

आदरणीय साथियों,

 

आप सभी का ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के प्रति समर्पण और विश्वास अब मिडिया की नज़रों में भी आने लगा है, लखनऊ से प्रकाशित प्रसिद्ध हिंदी समाचार पत्र जन सन्देश टाइम्स ने ओ बी ओ के बारे में एक बड़ा सा Article छापा है | आप सभी को बधाई |


Views: 783

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on October 4, 2011 at 6:56pm

बहुत बहुत बधाई ओबीओ परिवार को। ओबीओ की चर्चा अब अक्सर अखबारों इत्यादि में होती रहेगी इसलिए मुखपॄष्ठ पर ही एक लिंक बना दिया जाय जैसे "मीडिया में ओबीओ" और ये सारे लिंक उस लिंक के पन्ने पर दिखाए जाएँ। इससे इस तरह की खबरों को एक स्थान पर रखने और दुबारा देखने में सुविधा होगा। यह मेरा सुझाव है। जय ओबीओ

Comment by AVINASH S BAGDE on October 4, 2011 at 11:11am

BAGI JI..AAPKI LAGAN AUR MEHNAT NE OBO TATHA AAPKO IS MUKAM TAK PAHUCHAYA HAI.MAI BHI  CIVIL ENGR. HI HU...AAP SE YE PAHCHAN EK LAMBA SAFAR TAY KARE YAHI AASHA/VISHWAS HAI.

YAHA NAGPUR ME BHI HINDI K MATHADHISHO K VYAWHAR NE MUJHE KUCHH LIKHANE KO MAZBOOR KIYA.AAP NE PASAND KIYA..ACHCHHA LAGA.

Comment by आशीष यादव on September 22, 2011 at 11:52pm

ये सच में बड़ी उपलब्धि है, मुझे उम्मीद है की ये परिवार और आगे और बहुत आगे जायेगा| ये परिवार मजबूत कन्धों पर टिका है| इसके मुखिया श्री गणेश जी बागी जी ने सच में हिंदी साहित्य को एक नया मुकाम देने की कोशिश किया है इसके द्वारा| मुझे ख़ुशी है की मै इस परिवार का सदस्य हूँ|

Comment by Shanno Aggarwal on June 19, 2011 at 4:40am
गणेश, इस सफलता के लिये बहुत बधाई व शुभकामनायें. दुआ करती हूँ कि ये सफलता भविष्य में और भी ऊँचाइयों को छुये.

प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on June 4, 2011 at 12:09pm
बागी भाई, यह सब आपकी मेहनत और सभी साथियों के अनथक प्रयासों से संभव हुआ है ! मेरी दुआ है कि आज जिसका ज़िक्र अख़बारों में है कल उसका ज़िक्र चाँद सितारों में भी हो !
Comment by Er. Ambarish Srivastava on June 2, 2011 at 11:35pm
इस उपलब्धि हेतु आदरणीय बागी जी व योगी जी सहित ओ बी ओ के सभी सदस्यों व संचालकों को बहुत बहुत बधाई ........:))
Comment by chain singh shekhawat on June 1, 2011 at 6:14pm
bahut khoob...
sanchalakon aur sabhi sadasyon ko badhai..
Comment by Abhinav Arun on June 1, 2011 at 1:06pm
bahut khoob abhi to ye shuruaat hai dekhte jaaayiye kaarvaan door tak jaayega !! shubhkaamnayen pooree o.bee.o. team ko !!
Comment by Hilal Badayuni on June 1, 2011 at 12:46pm
badi khushi ki baat hai isi tarah hum taraqqi kerenge
Comment by Tapan Dubey on June 1, 2011 at 12:45pm
नज़र नज़र मे उतरना कमाल होता है.
नफस नफ़स मे बिखरना कमाल होता है.
बुलंदियो पर पहुचना कोई कमाल नही,
बुलंदियो पे ठाहरना कमाल होता है.
शायर- "Unknown"

OBO परिवार ना सिर्फ़ बुलंदी पर पहुचा है बल्कि काफ़ी वक्त से उस बुलंदी पे अपना परचम लहराए हुए है. बधाई

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey posted a blog post

कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ

२१२२ २१२२ २१२२ जब जिये हम दर्द.. थपकी-तान देते कौन क्या कहता नहीं अब कान देते   आपके निर्देश हैं…See More
yesterday
Profile IconDr. VASUDEV VENKATRAMAN, Sarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
Saturday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
Friday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेम

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेमजाने कितनी वेदना, बिखरी सागर तीर । पीते - पीते हो गया, खारा उसका नीर…See More
Friday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय उस्मानी जी एक गंभीर विमर्श को रोचक बनाते हुए आपने लघुकथा का अच्छा ताना बाना बुना है।…"
Friday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, आपको मेरा प्रयास पसंद आया, जानकार मुग्ध हूँ. आपकी सराहना सदैव लेखन के लिए प्रेरित…"
Friday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार. बहुत…"
Friday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी, आपने बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है। यह लघुकथा एक कुशल रूपक है, जहाँ…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"असमंजस (लघुकथा): हुआ यूॅं कि नयी सदी में 'सत्य' के साथ लिव-इन रिलेशनशिप के कड़वे अनुभव…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब साथियो। त्योहारों की बेला की व्यस्तता के बाद अब है इंतज़ार लघुकथा गोष्ठी में विषय मुक्त सार्थक…"
Thursday
Jaihind Raipuri commented on Admin's group आंचलिक साहित्य
"गीत (छत्तीसगढ़ी ) जय छत्तीसगढ़ जय-जय छत्तीसगढ़ माटी म ओ तोर मंईया मया हे अब्बड़ जय छत्तीसगढ़ जय-जय…"
Thursday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service