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नवसृजन कर हम बनाएँ,

एक भारत श्रेष्ठ भारत

 

काम हो हर हाथ को,

ख़त्म हो बेरोजगारी.

हो न शोषण बालकों का,

और हो भय मुक्त नारी.

आचरण में भ्रष्टता से,

मुक्त हो अपनी सियासत.

 

शांति के हम दूत बनकर,

विश्व में सम्मान पाएँ.

रख सदा करुणा ह्रदय में,

प्रेम की सत्ता चलाएँ.

 

एकता के सूत्र में बंध,

हम करें इसकी हिफाजत.

 

हो सियाचिन या मरुस्थल,

हों सुरक्षित सरहदें सब.

मिट सके आतंक जड़ से,

हों ह्रदय से कोशिशें अब.

 

देशद्रोही दुश्मनों को,

हो न कोई भी रियायत.

 

ज्ञान में  विज्ञान में अब,

हो न कोई तोड़ अपना .

हर युवा इंजीनियर का,

हो यहाँ साकार सपना.

 

हो मिसाइल, संगणक हो,

विश्व में हों एक ताकत.

(मौलिक और अप्रकाशित)  

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Comment by बसंत कुमार शर्मा on July 17, 2017 at 4:04pm

आदरणीय  Hari Prakash Dubey  जी आपका दिल से शुक्रिया 

Comment by Hari Prakash Dubey on July 16, 2017 at 6:44pm

एक सुन्दर कामना लिए हुए सुन्दर रचना बधाई आ. बसंत कुमार शर्मा जी ! सादर 

Comment by बसंत कुमार शर्मा on July 13, 2017 at 10:09am

आदरणीय Mahendra Kumar  जी आपका दिल से शुक्रिया 

Comment by Mahendra Kumar on July 12, 2017 at 8:21pm

बढ़िया प्रस्तुति है आ. बसंत जी. हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए. सादर.

Comment by बसंत कुमार शर्मा on July 12, 2017 at 9:29am

आदरणीय  सुरेन्द्र नाथ सिंह 'कुशक्षत्रप' जी आपका ह्रदय से आभार 

Comment by नाथ सोनांचली on July 11, 2017 at 10:42pm
आद0 बसन्त कुमार शर्मा जी आदाब,इस सुंदर प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।
Comment by बसंत कुमार शर्मा on July 11, 2017 at 7:41pm

आदरणीय Mohammed Arif जी , आदरणीय Sushil Sarna जी एवं आदरणीय Samar kabeer जी आपकी हौसला अफजाई के लिए ह्रदय से शुक्रिया. सादर नमन 

Comment by Samar kabeer on July 11, 2017 at 7:10pm
जनाब बसन्त कुमार शर्मा जी आदाब,इस सुंदर प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।
Comment by Sushil Sarna on July 11, 2017 at 2:20pm

आदरणीय बसंत कुमार जी वर्तमान के सन्दर्भ में सुंदर,सार्थक और आशावादी प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई सर। 

Comment by Mohammed Arif on July 11, 2017 at 2:14pm
आदरणीय बसंत कुमार शर्मा जी आदाब, आशावादी दृष्टिकोण को प्रदर्शित करती बेहतरीन कविता । हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।

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