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हार्दिक बधाई आदरणीय बलराम जी |
आदरणीय बलराम जी,
अच्छी व्यंगात्मक ग़ज़ल हुई है. शुभकामनायें.
सादर
आपकी गजल बढिया है आपका गाना बढिया धाकड़ साहब हमने भई आपको माफ करना देर से जाना!बढिया है।
BEHATREEN TANZ BANDHUWAR - BADHAEE KE PATRA HO AP
बेहतरीन रचना
धाकड़ भाई ,देर से रूवरू हुआ आपकी ग़ज़ल से I बहुत खूब Iमेरी एक जिज्ञासा है कृपया मतले के उला का (नये दौर का नया ज़माना, बढ़िया है)तथा ' कोख में बिटिया अब तक जिंदा है', का तक्तीय कर के बताएं ताकि मेरे ज्ञान में वृद्धि हो सके Iसादर आभार I
आदरणीय बलराम जी आपकी किसी पहली गजल से दो चार हो रहे है बहुत बहुत मुबारकबाद इस गजल के लिये कुबूल करें
विद्वत जन इस पर अपनी राय दे ही चुके है । दूसरे तीसरे और चौथे में तकाबुले रदीफ भी हो रहा है
2 सरे शेर में नई नई ये उन्नति की परिभाषा है
6 ठे शेर में अगर कोख में बिटिया अब तक जिंदा है ( आपके शब्दों को दूसरे विकल्प के अनुसार )
7 वें शेर मे नहीं जियादा की हमको दरकार सुनो ( अपिरग्रह की मूल भावना को लते हुए ) त्वरित सुझाव के रूप में विचार कर सकते है ।
पुन: बधाई स्वीकार करें आदरणीय बलरामजी ।सादर
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