For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गजल(आज तो हर शख्स इतना पूछता)

2122 2122 212
आज तो हर शख्स इतना पूछता
हो गया क्या कत्ल? दिखता उस्तुरा।1

चंद घड़ियों में खबर देती रुला
मौत का मंजर यही हासिल हुआ।2

'वह' खड़ा है जुर्म के इकरार में
लग रहा अब यह जरा-सा अटपटा।3

जानते हैं लोग लगता मर्म भी
भेद कितना चुप्पियों में है छिपा!4

न्याय का डंडा खुदाया मौन क्यूँ?
देखना है,सच कहाँ तक साधता।5

चोर बन बैठे सिपाही आजकल
हो गया कितना कठिन यह भाँपना?6

रोशनी का दान भी व्यापार है
कीजिये भी हाथ बाँधे कल्पना।7
"मौलिक व अप्रकाशित"

Views: 658

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Mohammed Arif on September 19, 2017 at 9:32am
आदरणीय मनन कुमार जी आदाब, अच्छे अश'आर । गुणीजनों की बातों का समर्थन करते बधाई स्वीकार करें ।
Comment by नाथ सोनांचली on September 18, 2017 at 5:33pm
आद0 मनन जी अच्छी ग़ज़ल के लिए दिली मुबारकबाद कबूल फरमायें। सादर
Comment by Manan Kumar singh on September 17, 2017 at 8:33pm
आदरणीय नीरज जी,शुक्रिया।
Comment by Manan Kumar singh on September 17, 2017 at 8:32pm
आदरणीय गिरिराज भाई,आपका आभारी हूँ।
Comment by Manan Kumar singh on September 17, 2017 at 8:31pm
आदरणीया कल्पना जी,शुक्रिया।
Comment by Manan Kumar singh on September 17, 2017 at 8:31pm
आदरणीय समर जी,शुक्रिया।लाठी तो डंडा हो गयी लेकिन 'की' रह गयी थी,परिमार्जन करूँगा।
Comment by Manan Kumar singh on September 17, 2017 at 8:29pm
आदरणीय सलीम जी शुक्रिया
Comment by Niraj Kumar on September 17, 2017 at 6:58pm

आदरणीय मनन जी,
अच्छी ग़ज़ल हुई है. दाद के साथ मुबारकबाद.
सादर


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on September 17, 2017 at 6:14pm

आदरणीय मनन भाई , अच्छी गज़ल कही है ,  बधाइयाँ स्वीकार करें ।

आ. न्याय का डंडा कर लीजियेगा ।

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on September 17, 2017 at 6:04pm

आदरणीय मनन कुमार जी बहुत सुंदर ग़ज़ल कही है आपने जिसके लिए हार्दिक बधाई |

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"दीपोत्सव क्या निश्चित है हार सदा निर्बोध तमस की? दीप जलाकर जीत ज्ञान की हो जाएगी? क्या इतने भर से…"
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"धन्यवाद आदरणीय "
12 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"ओबीओ लाइव महा उत्सव अंक 179 में स्वागत है।"
12 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"स्वागतम"
12 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
14 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' left a comment for मिथिलेश वामनकर
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। जन्मदिन की शुभकामनाओं के लिए हार्दिक आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन।गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, करवा चौथ के अवसर पर क्या ही खूब ग़ज़ल कही है। इस बेहतरीन प्रस्तुति पर…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२२ **** खुश हुआ अंबर धरा से प्यार करके साथ करवाचौथ का त्यौहार करके।१। * चूड़ियाँ…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post गहरी दरारें (लघु कविता)
"आदरणीय सुरेश कुमार कल्याण जी, प्रस्तुत कविता बहुत ही मार्मिक और भावपूर्ण हुई है। एक वृद्ध की…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर left a comment for लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।"
Tuesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service