For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अशान्तिदूत (लघुकथा)

“उफ्फ़... थक गया ऐसे भाषणों, नारों और झांकियों से!” हांफते हुए वह एक सूखे से पेड़ की शाखा पर जा बैठा। स्वाधीनता दिवस समारोह में सरे आम अपने कुछ साथियों के साथ क़ैद रहा ‘शांति का प्रतीक’ वह कबूतर लम्बे इन्तज़ार के बाद साथियों के साथ गगन में मुक्त तो कर दिया गया था, लेकिन उसने एक अलग उड़ान भरी और धोखे से क़ब्रिस्तान जा पहुंचा था।

“परेड मैदान और मंच पर मौजूद लोगों में से कोई तो तोता, शेर, गधा, बंदर, कुत्ता, गिद्ध या गीदड़ नज़र आ रहा था, तो कोई पप्पू जैसा।” यह सोचते हुए अभी भी उसके कानों में नेताओं के लिए मीडिया से सुने हुए ये नाम गूंज रहे थे। वह बेसुध होकर बैठा रहा।

“लगता है रास्ता भूल गया, तुम ज़रा समझाओ उसको!” कबूतर के पास बैठे गिद्धों में से एक ने अपने साथी से निवेदन किया।

“घबराओ नहीं; तुम सही, सुरक्षित जगह हो! यहां तुम्हें केवल शांति ही दिखाई देगी, शांति ही मिलेगी!” अपने एक पंख से कबूतर को ढांकते हुए वह गिद्ध बोला, “हम शहरों के उन मानव-गिद्धों जैसे नहीं हैं, जो मरे हुए ज़मीर वालों को खाते रहते हैं; अपना ज़मीर मार चुके हैं, अशांति फैला चुके हैं!”

(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 568

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on November 19, 2017 at 2:33am
मेरी इस लघुकथा पर समय दे कर मेरी हौसला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब डॉ. आशुतोष मिश्रा जी और आदरणीया नीता कसार जी।
Comment by Sheikh Shahzad Usmani on November 19, 2017 at 2:31am
मेरी इस रचना पर समय दे कर प्रोत्साहित करने के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब समर कबीर साहिब, जनाब सलीम रज़ा रीवा साहिब, जनाब तेजवीर साहिब, जनाब मोहम्मद आरिफ़ साहिब, और जनाब सुरेन्द्र नाथ सिंह 'कुशक्षत्रप' साहिब।
Comment by नाथ सोनांचली on November 16, 2017 at 4:19am
आद0सहजाद शेख उस्मानी साहब स्आदर अभिवादन, कटाक्ष करती और एक सन्देश देती इस लघुकथा पर आपको बहुत बहुत बधाई।
Comment by Dr Ashutosh Mishra on November 14, 2017 at 2:09pm

आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी बहुत ही सटीक लघु कथा है आपकी लघु कथाओं में कुछ नया चिंतन हमेश परिलक्षित होता है इसका शीर्षक भी बहुत अच्छा लगा इस रचना के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें सादर 

Comment by TEJ VEER SINGH on November 14, 2017 at 11:03am

हार्दिक बधाई आदरणीय शेख उस्मानी साहब जी।आदाब।बेहतरीन प्रस्तुति।

Comment by Mohammed Arif on November 13, 2017 at 6:40pm
आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी आदाब, बहुत ही कसावट लिए कटाक्षपूर्ण कथा । बहुत अच्छा कटाक्ष किया आपने शहरी गिद्दों पर । दिली मुबारकबाद क़ुबूल करें ।
Comment by Samar kabeer on November 13, 2017 at 5:01pm
जनाब शैख़ शहज़ाद उस्मानी जी आदाब, बहुत ही उम्दा लघुकथा,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।
Comment by Nita Kasar on November 13, 2017 at 4:54pm
मूक प्राणियों ने अपनी भाषा के जरिये शांति पाठ पढा दिया,उम्दा कथा के लिये बधाई आद० शेख़ शहज़ाद उस्मानी जी ।
Comment by SALIM RAZA REWA on November 13, 2017 at 1:14pm

जनाब शेख़ शहज़ाद उस्मानी साहिब ,
खूबसूरत लघुकथा अशान्तिदूत (लघुकथा)के लिए मुबारक़बाद।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sushil Sarna posted blog posts
2 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम्. . . . . गुरु
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय । विलम्ब के लिए क्षमा "
7 hours ago
सतविन्द्र कुमार राणा commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"जय हो, बेहतरीन ग़ज़ल कहने के लिए सादर बधाई आदरणीय मिथिलेश जी। "
11 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"ओबीओ के मंच से सम्बद्ध सभी सदस्यों को दीपोत्सव की हार्दिक बधाइयाँ  छंदोत्सव के अंक 172 में…"
19 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, जी ! समय के साथ त्यौहारों के मनाने का तरीका बदलता गया है. प्रस्तुत सरसी…"
20 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह वाह ..  प्रत्येक बंद सोद्देश्य .. आदरणीय लक्ष्मण भाईजी, आपकी रचना के बंद सामाजिकता के…"
20 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाई साहब, आपकी दूसरी प्रस्तुति पहली से अधिक जमीनी, अधिक व्यावहारिक है. पर्वो-त्यौहारों…"
21 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ भाईजी  हार्दिक धन्यवाद आभार आपका। आपकी सार्थक टिप्पणी से हमारा उत्साहवर्धन …"
21 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी छंद पर उपस्तिथि उत्साहवर्धन और मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार। दीपोत्सव की…"
21 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय  अखिलेश कॄष्ण भाई, आयोजन में आपकी भागीदारी का धन्यवाद  हर बरस हर नगर में होता,…"
21 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी छन्द पर उपस्तिथि और सराहना के लिए हार्दिक आभार आपका। दीपोत्सव की हार्दिक…"
21 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय लक्ष्मण भाईजी हार्दिक बधाई इस प्रस्तुति के लिए ।"
21 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service