For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

भुलाने के लिए राज़ी...संतोष

ग़ज़ल
मफ़ाईलुन मफ़ाईलुन मफ़ाईलुन मफ़ाईलुन

भुलाने के लिए राज़ी तुझे ये दिल नहीं होता
तभी तो याद से तेरी कभी ग़ाफ़िल नहीं होता

महब्बत को अभी तक मैंने अपनी राज़ रक्खा है
तुम्हारा ज़िक्र यूँ मुझसे सरे महफ़िल नहीं होता

तुझे ही ढूँढता रहता मैं अपने आप में हर दम
सनम तू मेरे जीवन में अगर शामिल नहीं होता

दग़ा देना ही आदत बन गई हो जिसकी ऐ यारो
भरोसे के कभी वो आदमी क़ाबिल नहीं होता

हमेशा बीज बोता है जो नफ़रत के ज़माने में
उसे 'संतोष'जीवन में कभी हासिल नहीं होता

#संतोष

(मौलिक एवं अप्रकाशित)

Views: 724

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by santosh khirwadkar on December 13, 2017 at 9:56pm

धन्यवाद आदरणीय सुरेन्द्र जी!!!

Comment by Afroz 'sahr' on December 13, 2017 at 11:51am
आदरणीय संतोष जी अच्छी ग़ज़ल हुई है मेंरी और से बहुत बधाई आपको,,
Comment by नाथ सोनांचली on December 13, 2017 at 4:41am

आद0 सन्तोष जी सादर अभिवादन। बेहतरीन ग़ज़ल पर शैर दर शैर मुबारकबाद कुबूल फरमायें।

Comment by santosh khirwadkar on December 12, 2017 at 2:52pm

शुक्रिया आदरणीय अजय साहब...!!!

Comment by Ajay Tiwari on December 12, 2017 at 1:09pm

आदरणीय संतोष जी,

आपने मक्ते में आपने नाम का इस्तेमाल जिस तरह किया है वो बेहतरीन है.

अच्छी ग़ज़ल हुई है. हार्दिक बधाईयाँ.

सादर 

Comment by santosh khirwadkar on December 10, 2017 at 10:27pm

आदरणीय आरिफ़ साहब ...शुक्रिया!!!

Comment by santosh khirwadkar on December 10, 2017 at 10:27pm

आदरणीय विश्वकर्मा जी ,शुक्रिया!!!

Comment by Mohammed Arif on December 9, 2017 at 4:45pm

आदरणीय संतोष खिरवड़कर जी आदाब,

                                         बेहतरीन ग़ज़ल । हर शे'र बढ़िया । दिली मुबारकबाद क़ुबूल करें ।

Comment by Ram Awadh VIshwakarma on December 9, 2017 at 3:05pm

आदरणीय संतोष जी खूबसूरत ग़जल के लिये बधाई।

Comment by santosh khirwadkar on December 8, 2017 at 11:45am

आदरणीय समर साहब ,प्रणाम के साथ तहेदिल से शुक्रिया!!!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

vibha rani shrivastava replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
""ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123विषय : जय/पराजय आषाढ़ का एक दिन “बुधौल लाने के…"
3 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आदाब। हार्दिक स्वागत आपकी रचना का। प्रदत्त विषयांतर्गत बेहद भावपूर्ण और विचारोत्तेजक कथानक व कथ्य…"
5 hours ago
रक्षिता सिंह replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"सादर प्रणाम, आदरणीय ।"
18 hours ago
रक्षिता सिंह replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"सुन, ससुराल में किसी से दब के रहने की कोई ज़रूरत नहीं है। अरे भाई, हमने कोई फ्री में सादी थोड़ी की…"
18 hours ago
Nilesh Shevgaonkar shared their blog post on Facebook
23 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"स्वागतम"
yesterday
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"आदरणीय गजेंद्र जी, हृदय से आभारी हूं आपकी भावना के प्रति। बस एक छोटा सा प्रयास भर है शेर के कुछ…"
yesterday
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"इस कठिन ज़मीन पर अच्छे अशआर निकाले सर आपने। मैं तो केवल चार शेर ही कह पाया हूँ अब तक। पर मश्क़ अच्छी…"
yesterday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"आदरणीय गजेंद्र ji कृपया देखिएगा सादर  मिटेगा जुदाई का डर धीरे धीरे मुहब्बत का होगा असर धीरे…"
yesterday
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"चेतन प्रकाश जी, हृदय से आभारी हूं।  साप्ताहिक हिंदुस्तान में कोई और तिलक राज कपूर रहे होंगे।…"
yesterday
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"धन्यवाद आदरणीय धामी जी। इस शेर में एक अन्य संदेश भी छुपा हुआ पाएंगे सांसारिकता से बाहर निकलने…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"आदरणीय,  विद्यार्जन करते समय, "साप्ताहिक हिन्दुस्तान" नामक पत्रिका मैं आपकी कई ग़ज़ल…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service