2122 2122 2122 212
मेरे जीने का भी कोई फलसफा लिख जाइये
आप मेरी चाहतों को हादसा लिख जाइये
आपका जाना ज़रूरी है मुझे मालूम है
हो सके तो मेरी खातिर रास्ता लिख जाइये
नींद मेरी धड़कनों के शोर से बेचैन है
मेरे जीवन मे विरह का रतजगा लिख जाइये
आप अपना नाम लिख लीजै मसीहाओं के बीच
बस हमारे नाम के आगे वफ़ा लिख जाइये
गर जुदा होकर ही खुश हैं आप तो अच्छा ही है
पर हमारी चाहतों को ही खरा लिख जाइये
जुड़ गया जिनसे मुकद्दर अब तेरे 'अहसास' का
उन सभी के वास्ते कोई दुआ लिख जाइये
मौलिक और अप्रकाशित
Comment
ग़ज़ल पर प्रतिक्रिया देने के लिए सभी आदरणीय मित्रों ,गुणीजनों का आभार
सुझावों पर विचार करूँगा
हृदय से आभार प्रकट करता हूँ
नमन करता हूँ आप सबका
सादर
भाई मनोज जी , अच्छी गजल हुई है। बधाई।
जनाब मनोज अहसास साहिब ,ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है ,मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं ।
आदरणीय मनोज जी, खूबसूरत अशआर हुए हैं. हार्दिक बधाई.
मतले के लिए एक तात्कालिक विकल्प :
'आप मेरी चाहतों को हादसा लिख जाइये
पर मेरे जीने का भी इक फलसफा लिख जाइये' या 'पर जिऊँ मैं किस तरह वो फलसफा लिख जाइये'
नव वर्ष मंगलमय हो !
सादर
वाह वाह बहुत खूब।।सुंदर अशआर।।बधाई आपको
बढ़िया दिलचस्प, लेकिन अहम निवेदन करती ग़ज़ल के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत मुबारकबाद मुहतरम जनाब मनोज कुमार अहसास जी।
हार्दिक आभार आदरणीय तेजवीर सिंह जी
सादर
हार्दिक बधाई आदरणीय मनोज कुमार अहसास जी।बेहतरीन गज़ल।
आप अपना नाम लिख लीजै मसीहाओं के बीच
बस हमारे नाम के आगे वफ़ा लिख जाइये
बहुत बहुत शुक्रिया राम अवध विश्वकर्मा जी
सादर
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