For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")


नारी का मन
न जाने कोई
जाने गर तो
न पहचाने कोई
एक पहेली बनती नारी
हास परिहास की शिकार है नारी
नव रसों में डूबी हुई
अनोखी पर सशक्त है नारी
कौन जाने कब हुआ जन्म
श्रुष्टि रचयिता में सहभागी है नारी
हर रिश्ते में बाँधा है इसको
माँ, बहन, चाची औ मासी
पूर्ण होता संसार है इससे
अर्धनारीश्वर का रूप धरा शिव ने
नारी का सम्मान बढ़ाया
युग बदला
बदली है नारी
परम्परा से आधुनिकता की राह पर
आज देखो चल पड़ी है नारी
कदम कदम पर अपमानित होती
कभी घर कभी भरी सभा में
नारी के मान को न जाने
नारी सम्मान को न पहचाने
नारी अबला नारी सबला
चाहे तो ये बजादे तबला
लास्य की जरुरत है नारी
खजुराओ की मूर्त है नारी
पहेली नही सहेली है नारी
हर युग में थी हर युग में रहेगी नारी।

मौलिक एवं अप्रकाशित्त

Views: 902

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by विनय कुमार on August 8, 2018 at 7:50pm
अच्छी कविता हुई है, हार्दिक बधाई आदरणीया कल्पना भट्ट जी
Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on August 8, 2018 at 2:34pm

धन्यवाद आदरणीय विजय निकोरे सर|

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on August 8, 2018 at 2:33pm

नमस्ते आदरणीय समर भाई , सादर धन्यवाद आपका| 

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on August 8, 2018 at 2:33pm

हार्दिक आभार आदरणीय मोहम्मद आरिफ साहब| 

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on August 8, 2018 at 2:32pm

हार्दिक आभार आदरणीया बबिता जी|

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on May 9, 2018 at 9:13pm

मुहतरमा कल्पना साहिबा, नारी की गरिमा पर सुंदर कविता हुई है ,मुबारक बाद क़ुबूल फरमायें।

Comment by vijay nikore on May 9, 2018 at 8:48pm

नारी मन पर कविता अच्छी लिखी है। हार्दिक बधाई।

Comment by Samar kabeer on May 9, 2018 at 2:55pm

बहना कल्पना भट्ट जी आदाब,बहुत उम्दा कविता हुई,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on May 9, 2018 at 12:04pm

आ. कल्पना बहन अच्छी कविता हुई है । हार्दिक बधाई ।

Comment by Mohammed Arif on May 9, 2018 at 8:01am

आदरणीया कल्पना भट्ट जी आदाब,

                                     नारी की गरिमा-गौरव को रेखांकित करती एक साधारण-सी कविता के लिए हार्दीक बधाई । कुछ वर्तनीगत अशुद्धियाँ हैं ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय प्रेम जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल हुई है बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की टिप्पणियाँ क़ाबिले ग़ौर…"
54 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय चेतन जी नमस्कार ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ ,बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की टिप्पणियाँ क़ाबिले…"
58 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी बहुत शुक्रिया आपका सादर"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर जी  बहुत शुक्रिया आपका हौसला अफ़ज़ाई के लिए और बेहतर सुझाव के लिए सुधार करती हूँ सादर"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय चेतन जी बहुत शुक्रिया हौसला अफ़ज़ाई के लिए आपका मक़्त के में सुधार की कोशिश करती हूं सादर"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी बेहतर इस्लाह ऑयर हौसला अफ़ज़ाई के लिए शुक्रिया आपका सुधार करती हूँ सादर"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय लक्ष्मण जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल हुई आपकी बधाई स्वीकार कीजिये अमित जी और अमीर जी के सुझाव क़ाबिले…"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी नमस्कार बहुत ही लाज़वाब ग़ज़ल हुई बधाई स्वीकार कीजिये है शेर क़ाबिले तारीफ़ हुआ ,गिरह भी…"
1 hour ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी आदाब, और प्रस्तुति तक पहुँचने के लिए आपका आपका आभारी हूँ। "बेवफ़ा है वो तो…"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
" आदरणीय मुसाफिर जी नमस्कार । भावपूर्ण ग़ज़ल हेतु बधाई। इस्लाह भी गुणीजनों की ख़ूब हुई है। "
2 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीया ऋचा यादव जी नमस्कार । ग़ज़ल के अच्छे प्रयास हेतु बधाई।"
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय संजय शुक्ला जी आदाब, अच्छी ग़ज़ल हुई है मुबारकबाद पेश करता हूँ। तेरे चेहरे पे शर्म सा क्या…"
2 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service