For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कोई देकर गया था इक खुशी यारो - गजल (लक्ष्मण धामी "मुसाफिर" )

१२२२/१२२२/१२२२

मुहब्बत भी कहानी हो गयी हमसे
बहुत बद ये जवानी हो गयी हमसे।१।


कोई देकर गया था इक खुशी यारो
कहीं गुम वो निशानी हो गयी हमसे।२।


जमाना सारा ही  दुश्मन हुआ है यूँ
जरा सी सच बयानी हो गयी हमसे।३।


कसक सी दिल में उठ्ठी है कहीं यारो
किसी से बद जबानी हो गयी हमसे।४।


भला यूँ कम कहाँ हम थे मगर अब तो
ये दुनिया  भी  सयानी  हो  गयी हमसे।५।


मौलिक-अप्रकाशित

लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

Views: 612

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on August 29, 2018 at 7:25pm

आ. भाई रवि जी, सादर अभिवादन ।गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार।

Comment by Ravi Shukla on August 29, 2018 at 4:53pm

आदरणीय लक्ष्मण जी अच्छी ग़ज़ल कही आपने उसके लिए मुबारकबाद कुबूल करें

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on August 28, 2018 at 8:00pm

आ. भाई नवीन जी, स्नेह के लिए आभार ।

Comment by Naveen Mani Tripathi on August 28, 2018 at 6:47pm

आ0 मुसाफ़िर साहब तहेदिल से बधाई ।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on August 28, 2018 at 2:28pm

आ. भाई तेजवीर जी, गजल की प्रशंसा कर उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद ।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on August 28, 2018 at 2:26pm

आ. भाई समर जी, सादर अभिवादन । गजल पर उपस्थिति और स्ने के लिए आभार ।

Comment by TEJ VEER SINGH on August 28, 2018 at 2:08pm

हार्दिक बधाई आदरणीय लक्ष्मण धामी मुसाफिर जी। बेहतरीन गज़ल।

जमाना सारा ही  दुश्मन हुआ है यूँ 
जरा सी सच बयानी हो गयी हमसे।३।

Comment by Samar kabeer on August 28, 2018 at 12:04pm

जनाब लक्ष्मण धामी 'मुसाफ़िर' जी आदाब,अच्छी ग़ज़ल हुई है,दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ ।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on August 27, 2018 at 7:12pm

आ. भाई विजय निकोर जी, सादर अभिवादन । गजल पर उपस्थिति से उत्साहवर्धन के लिए आभार ।

Comment by vijay nikore on August 27, 2018 at 2:17pm

//जमाना सारा ही  दुश्मन हुआ है यूँ 
जरा सी सच बयानी हो गयी हमसे।३।//.....

वाह ! वाह !! बहुत ही खूबसूरत । हार्दिक बधाई, मित्र लक्ष्मण जी।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service