गणेश भाई जी, यह यात्रा कई अर्थों में एक निर्बंध यात्रा थी. हमने गंगा की लहरों के इस उन्मुक्त स्वरूप को पहली बार देखा, जहाँ गंगा का धीर, सर्वसाधी या पुरातन स्वरूप नहीं, बल्कि चिर चंचल प्रत्युत्साही स्वरूप था.. !!
आदरणीय बागी जी,
नमस्कार , सुप्रभातम... ये जानकार ख़ुशी से मन झूम रहा है...आज तो मेरे पास शब्दों की कमी हो रही है.. OBO के गुणीजनों ने मेरी कविता को इस लायक समझा .... यहाँ कितना कुछ मुझे अभी सीखना है.. अभी रास्ता बहुत लम्बा है पर आरम्भ इतना सुंदर OBO पे हुआ है तो..निसंदेह ..मंजिल तक जाना बहुत आनंद दायक रहेगा
आप सबका हार्दिक धन्यवाद....
उत्तरायण सूर्य (मकर संक्रांति) पर सभी पारिवारिक सदश्यों को हार्दिक शुभ कामनाए परिवार में सोहार्दपूर्ण वातावरण सब मिल बढाए आपका ही -Laxman Prasad Ladiwala
आदरणीय गणेश जी बहुत ख़ुशी हुई यह जानकार की ओ बी ओ प्रबंधन ने मुझे इस योग्य समझा |आप सभी की तहे दिल से शुक्र गुजार हूँ |क्या कहूँ .....ना कोई आहट ना सरसराहट ना एहसास कोई
दबे पाँव चलके आई जिंदगी में मिठास कोई
आगे भी मैं अपनी हर कोशिश में ओ बी ओ में योगदान इसी तरह देती रहूंगी क्यूंकि यह ऐसा मंच है जहां हर किसी को अपना हुनर दिखाने और गुरुजनों की कृपा से तराशने का मौका मिलेगा |हार्दिक आभार |
दो तीन दिन तक कोई कमेन्ट नहीं आने से काफी निराश हो गया था. असल में अभी नया हूँ इस लिए अधीरता है. आप की प्रशंसा से मन खिल गया । आशा है आप नए रचनाकारों का विशेष ध्यान रखेंगे . आपका बहुत बहुत धन्यबाद
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
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जन्मदिन की शुभकामनायें
गणेश लोहनी
जीवन में खुशियाँ मिलें, अपनापन औ प्यार.
जन्म दिवस शुभकामना, शुभ-शुभ मेरे यार..
आपको जन्मदिन की बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनायें।
ईश्वर से प्राथर्ना है कि आप दीर्घायु हो जायें।
आदरणीय श्री गणेशजी बागी, आपको जन्म दिन की हार्दिक शुइभ-कामनाएं |
मंगलकारी जन्मदिन, आये बारम्बार.
सपने पूरे हों सभी, महके घर संसार.
महके घर संसार, दूर हों पथ के काँटे.
अपनापन जो साथ, सभी में खुशियाँ बाँटे.
अम्बरीष दें स्नेह, सराहे दुनिया सारी-
ओ बी ओ का साथ, सदा हो मंगलकारी..
--अम्बरीष श्रीवास्तव
सदस्य टीम प्रबंधनSaurabh Pandey said…
गणेश भाई जी, यह यात्रा कई अर्थों में एक निर्बंध यात्रा थी. हमने गंगा की लहरों के इस उन्मुक्त स्वरूप को पहली बार देखा, जहाँ गंगा का धीर, सर्वसाधी या पुरातन स्वरूप नहीं, बल्कि चिर चंचल प्रत्युत्साही स्वरूप था.. !!
गणेश जी भाई आप से प्रशंशा पाना अपने आप में एक उपलब्धि है मेरी कविताओं फर्क और पात्रता पर आपकी प्रतिक्रिया के लिए मै आपका आभारी हूँ ।
नमस्कार , सुप्रभातम... ये जानकार ख़ुशी से मन झूम रहा है...आज तो मेरे पास शब्दों की कमी हो रही है.. OBO के गुणीजनों ने मेरी कविता को इस लायक समझा .... यहाँ कितना कुछ मुझे अभी सीखना है.. अभी रास्ता बहुत लम्बा है पर आरम्भ इतना सुंदर OBO पे हुआ है तो..निसंदेह ..मंजिल तक जाना बहुत आनंद दायक रहेगा
आप सबका हार्दिक धन्यवाद....
परम आदरणीय , श्री बागी जी.
उत्तरायण सूर्य (मकर संक्रांति) पर
सभी पारिवारिक सदश्यों को हार्दिक शुभ कामनाए
परिवार में सोहार्दपूर्ण वातावरण सब मिल बढाए
आपका ही -Laxman Prasad Ladiwala
Thanks a lot sir!
धन्यवाद ! आदरणीय गणेश जी.अभी इस साईट से अभ्यस्त होने का प्रयास कर रहा हूँ
सुन्दर विचारों की धरती पर आपका स्वागत है
आपका बहूत-2 धन्यवाद.....आपने मेरी कविता पढ़ी..सराहा..अभारी हूँ...
सदस्य कार्यकारिणीrajesh kumari said…
आदरणीय गणेश जी बहुत ख़ुशी हुई यह जानकार की ओ बी ओ प्रबंधन ने मुझे इस योग्य समझा |आप सभी की तहे दिल से शुक्र गुजार हूँ |क्या कहूँ .....ना कोई आहट ना सरसराहट ना एहसास कोई
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धन्यवाद गणेश जी
तह ए दिल से धन्यवाद
श्री मान बागी जी साहब ,
दो तीन दिन तक कोई कमेन्ट नहीं आने से काफी निराश हो गया था. असल में अभी नया हूँ इस लिए अधीरता है. आप की प्रशंसा से मन खिल गया । आशा है आप नए रचनाकारों का विशेष ध्यान रखेंगे . आपका बहुत बहुत धन्यबाद
धन्याबाद आपके द्वारा किया गया उत्साहवर्धन ही मुझे लिखने की प्रेरणा देता है.
मै आपका बहुत ही आभारी हूँ की आपने मेरी कविता की सराहना करके मेरा उत्साह वर्धन किया
dhanywaad
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1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
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