For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कविता :"विजयादशमी " - अर्पणा शर्मा, भोपाल

हम सब कठपुतलें हैं,
करते परंपरागत दहन,
रावण के पुतलों का,
मनाते पर्व विजय का,
पर छुपे हुए रावण,
हर जगह फैलें हैं,
ऊपर से उल्लासित हम,
भीतर से त्रस्त और खोखले हैं,
आतंक,दुराचार,विभीषिकाओं के,
भीषण दौर इस विश्व में,
सभी धर्मों, सभ्यताओं,
और समाजों ने झेले हैं,
छुपी हुई दुराचारी,
अहंकारी मनोवृत्ति के,
आतंक और भ्रष्टाचार के,
युद्ध और विनाश के,
अशिक्षा और दरिद्रता के,
इन रावणों का दहन करने,
हे राम तुम्हें,
फिर अवतरित होना होगा,
असत्य पर सत्य की,
बुराई पर अच्छाई की,
परंपरा को विजय की,
स्थापित पुनः करना होगा,
सही अर्थों में तभी,
यह विजय पर्व मनेगा...!!"
मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 1199

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Arpana Sharma on October 17, 2016 at 10:44pm
आपकी सराहना के लिए धन्यवाद आदरणीया अलका ललित जी।
Comment by Arpana Sharma on October 15, 2016 at 8:57pm
आपकी सराहना का बहुत धन्यवाद आ. श्रीमान् सुरेश कल्याण जी एवं आदरणीया अलका चंगा जी।
Comment by सुरेश कुमार 'कल्याण' on October 15, 2016 at 8:09pm
आदरणीया अर्पणा शर्मा जी सुन्दर भावपूर्ण रचना के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें । सादर ।
Comment by अलका 'कृष्णांशी' on October 14, 2016 at 4:27pm

बहुत सुंदर रचना।  बहुत बधाई अर्पणा जी

Comment by Arpana Sharma on October 13, 2016 at 10:53pm
आदरणीया राजेश कुमारी जी, श्रीमान् Vijay nikore ji, श्रीमान् रामबली गुप्ता जी, आदरणीया कल्पना भट्ट जी - मेरी कविता हेतु आप सभी की सराहना का बहुत धन्यवाद ।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on October 13, 2016 at 10:21pm

सुन्दर संदेशपरक सार्थक रचना बहुत बहुत बधाई अर्पणा जी |

Comment by vijay nikore on October 13, 2016 at 3:27pm

बहुत ही सुंदर रचना। बधाई।

Comment by रामबली गुप्ता on October 12, 2016 at 10:39am
वाह वाह शानदार रचना हुई है आदरेया। दिल से बधाई लीजिये।
Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on October 12, 2016 at 7:13am
प्यारी रचना । बहुत बहुत बधाई ।
Comment by Arpana Sharma on October 11, 2016 at 7:34pm
आदरणीय श्रीमान् बासुदेव अग्रवाल नमन जी- बहुत धन्यवाद एवं विजयादशमी की सपरिवार शुभकामनाएँ

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Apr 29
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Apr 28
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Apr 28
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Apr 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Apr 27
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service