For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

“नूतन वर्षाभिनंदन - 2017” /कविता :- अर्पणा शर्मा

365 दिनों के,
माला में पिरोये मनके,
समय को कब
अवकाश है पाना,
न जीवन का,
स्थगन है कर पाना,
साल दर साल,
ये माला है जपते जाना,
नव वर्ष की
इस नई माला में,
नई आशाओं का
झुमका है लगाना,
परिश्रम की स्वेद बूंदों से
इसे है पखारते जाना,
विगत को संजोकर इतिहास में
चुनकर हंसी के मोती,
प्रेम-उल्लास की झालरों से
आगत के स्वागत में,
आँगन है सजाना,
जीवन आनंद की बूंदों का
रसास्वादन है करते जाना,
दया-ममता,
स्नेह सद्भाव
मर्यादा- शिक्षा की,
अलख है जगाना,
पिछड़े वंचित तबकों को
समान स्तर पर है लाना,
नई पीढ़ी के लिए
प्रदूषण मुक्त
विश्व है बनाना,
हर मनका
इस माला का
है अति अनमोल,
किसी भी हाल में
खोकर इसे
फिर ना है पाना,
हताशा के अँधेरे को
नव उषाकिरण से
है जगमगाना,
हर एक पल
खुशियाँ हैं फैलाना
हर क्षण
जीवन उत्सव है मनाना,
नव वर्ष मंगलमय हो,
सुख- समृद्धी, यशमय हो,
असीम, हार्दिक हैं शुभकामना...!!

- मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 946

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Arpana Sharma on January 2, 2017 at 4:40pm
श्रीमान् जनाब मोहम्मद आरीफ जी - बहुत शुक्रिया मेरी कविता को प्रोत्साहन देने के लिये।
Comment by Arpana Sharma on January 2, 2017 at 11:28am
ओबीओ ऑनलाइन के सभी सदस्यों को सपरिवार नव-वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ ।
आदरणीय श्रीमान् ड़ाॅ विजय शंकर जी , आदरणीय श्रीमान् नरेंद्र सिंह चौहान जी , आदरणीय श्रीमान् सुशील सरना जी, आदरणीय श्रीमान् मिथिलेश वामनकर जी, आदरणीय श्रीमान् जनाब समर कबीर साहब एवं आदरणीय श्रीमान् श्याम नारायण वर्मा जी - मेरी कविता पसंद कर मुझे प्रोत्साहित करने लिये आप सभी का बहुत धन्यवाद एवं पुनः नव-वर्ष की असीम मंगलकामनाऐं ।
Comment by Dr. Vijai Shanker on December 30, 2016 at 8:58pm
सुन्दर प्रस्तुति , सुस्वागत नाव वर्ष , बधाई , आदरणीय सुश्री अर्पणा शर्मा जी , सादर।
Comment by narendrasinh chauhan on December 30, 2016 at 7:18pm

इस सुन्दर प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई और नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं......

Comment by Sushil Sarna on December 30, 2016 at 3:02pm

आदरणीया अर्पणा शर्मा जी नव वर्ष के भावों को शोभित करती इस मधुर प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई एवम नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं। 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on December 29, 2016 at 11:54pm

आदरणीया अर्पणा शर्मा जी, नव वर्ष के स्वागत में बहुत सुंदर प्रस्तुति, इस प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई. सादर 

Comment by Samar kabeer on December 29, 2016 at 5:21pm
मोहतरमा अर्पणा शर्मा जी आदाब,नये साल के स्वागत में सुंदर कविता लिखी आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।साथ ही नव वर्ष की शुभकामनाएं भी ।
Comment by Shyam Narain Verma on December 29, 2016 at 3:57pm

सुंदर रचना के लिए बहुत बधाई सादर  

आपको व आपके परिवार को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें! यह वर्ष समस्त परिवार के लिए सुख, शांति, समृद्धि व स्वास्थ्य से भरपूर हो! ढेरों मंगलकामनाएँ!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Apr 29
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Apr 28
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Apr 28
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Apr 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Apr 27
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service