राउर जनमदिन के हमरा ओरि से ढेरम्ढेर मुबारकबादी, भाईजी.. .
दुका ना दुका में अतना अझुराइल रहुईं, ए भइया, जे कुबेरा भऽ गइल. ओबिओ पर हमार हेने लकम से ना आवल अतना बुझवा देले रहे जे हमार सतीश भाई पिपिताइल होइहें. भाई, पित्ता-पित्ती फरिका, पहिले दिल के कोरी आ भावना का ओरी से बड़हन बधाई.. .
सादर अभिवादन ! मुझे यह बताते हुए हर्ष हो रहा है कि आप की रचना मानसरोवर -- एक को महीने की सर्वश्रेष्ठ रचना (Best Creation of the Month) के रूप मे सम्मानित किया गया है | इस शानदार उपलब्धि पर बधाई स्वीकार करे,धन्यवाद, आपका एडमिन ओपन बुक्स ऑनलाइन
आदरणीय सतीश मापतपुरी जी, आपका एक ब्लॉग अनुमोदन हेतु प्राप्त हुआ है जो वस्तुतः सुझाव की श्रेणी मे आता है, उक्त ब्लॉग को मेरे स्तर से आपके ही नाम से "सुझाव और शिकायत" समूह मे पोस्ट कर दिया गया है | अपना पोस्ट देखने हेतु यहाँ दबाये ...
जनम दिन मुबारक हो गुरु के तरफ से ,
सतीश मपतपुरी जी बधाई आपके ,
आज के दिन बड़ा मनभावन हैं ,
कारन आपका आज जनम दिन हैं ,
ओपेन बुक्स पर मिळते रहेंगे ,
आप हमें दोस्त बनाये रखेंगे ,
जनम दिन मुबारक हो गुरु के तरफ से ,
सतीश मपतपुरी जी बधाई राउआ के ,
आज के दिन बड़ा मनभावन बाटे ,
कारन राउर आज जनम दिन बाटे ,
ओपेन बुक्स पर मिळत रहेम ,
राउआ हमके दोस्त बनवले राखेम ,
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
Satish mapatpuri's Comments
Comment Wall (24 comments)
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सदस्य कार्यकारिणीमिथिलेश वामनकर said…
ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।
सदस्य कार्यकारिणीमिथिलेश वामनकर said…
जन्म दिवस की मंगलमय हार्दिक शुभकामनाए
आदरणीया satish sir ji सादर प्रणाम
ग़ज़ल को पसंद करने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद सहित सादर आभार
सदस्य टीम प्रबंधनSaurabh Pandey said…
राउर जनमदिन के हमरा ओरि से ढेरम्ढेर मुबारकबादी, भाईजी.. .
दुका ना दुका में अतना अझुराइल रहुईं, ए भइया, जे कुबेरा भऽ गइल. ओबिओ पर हमार हेने लकम से ना आवल अतना बुझवा देले रहे जे हमार सतीश भाई पिपिताइल होइहें. भाई, पित्ता-पित्ती फरिका, पहिले दिल के कोरी आ भावना का ओरी से बड़हन बधाई.. .
सादर
मुख्य प्रबंधकEr. Ganesh Jee "Bagi" said…
satish ji namaskar,
kavita ki sarahna ke liye aap ka dhanyvad.....
मै आपका बहुत ही आभारी हूँ की आपने मेरी कविता की सराहना करके मेरा उत्साह वर्धन किया
माह की श्रेष्ठ रचना चयन पर हार्दिक बधाई स्वीकारें सतीश जी !
आपकी रचना मानसरोवर-१ को महीने का सर्व्श्रेस्थ रचना चुने जाने पर बहुत बहुत बधाई...
आपका ही अपना,
प्रीतम तिवारी(प्रीत)
रांची
आदरणीय सतीश मापतपुरी जी,
सादर अभिवादन !
मुझे यह बताते हुए हर्ष हो रहा है कि आप की रचना मानसरोवर -- एक को महीने की सर्वश्रेष्ठ रचना (Best Creation of the Month) के रूप मे सम्मानित किया गया है |
इस शानदार उपलब्धि पर बधाई स्वीकार करे,धन्यवाद,
आपका
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ओपन बुक्स ऑनलाइन
मुख्य प्रबंधकEr. Ganesh Jee "Bagi" said…
आदरणीय सतीश मापतपुरी जी, आपका एक ब्लॉग अनुमोदन हेतु प्राप्त हुआ है जो वस्तुतः सुझाव की श्रेणी मे आता है, उक्त ब्लॉग को मेरे स्तर से आपके ही नाम से "सुझाव और शिकायत" समूह मे पोस्ट कर दिया गया है | अपना पोस्ट देखने हेतु यहाँ दबाये ...
आपका
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AB YEH AAKHARI PANNEN ANT TAQ CHALENGE,ASHA HAI AAP SAATH DENGE
KULUVI
बन बहन कवच का काम किया
प्रेयसी बन प्यार लुटाती है,
पत्नी बन सेज सजाती है,
नारी और धरती पर ही तो,
सारी जिम्मेदारी होती है ,
वाह भाई मापतपुरी जी , आपने तो कुछ ही पक्ति मे पूरी कविता का निचोड़ रख दिया , अब मुझे लग रहा है की ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार मे एक से बढ़ एक नगीना है,
सतीश मपतपुरी जी बधाई आपके ,
आज के दिन बड़ा मनभावन हैं ,
कारन आपका आज जनम दिन हैं ,
ओपेन बुक्स पर मिळते रहेंगे ,
आप हमें दोस्त बनाये रखेंगे ,
सतीश मपतपुरी जी बधाई राउआ के ,
आज के दिन बड़ा मनभावन बाटे ,
कारन राउर आज जनम दिन बाटे ,
ओपेन बुक्स पर मिळत रहेम ,
राउआ हमके दोस्त बनवले राखेम ,
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