15 जून 2013, शनिवार को उत्तराखंड के आँचल में बसे हल्द्वानी के शिक्षानगर में ओबीओ परिवार द्वारा आयोजित विचार गोष्ठी सह कविसम्मेलन व मुशायरा, एम० आई० ई० टी० – कुमाऊँ इन्जीनियरिंग कॉलेज, के सेमीनार हॉल में आदरणीय प्रधान संपादक श्री योगराज प्रभाकर जी की अध्यक्षता में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ.
वाग्देवी माँ शारदे के समक्ष दीप प्रज्वलन और माल्यार्पण से आयोजन का शुभारंभ हुआ
आयोजन के प्रथम सत्र का विषय ‘साहित्य में अंतरजाल का महत्त्व’ आज के सन्दर्भ में बहुत महत्वपूर्ण रहा. साहित्य की दिशा व दशा दोनों आयामों पर विस्तारपूर्वक गंभीर चर्चाएं हुई. आदरणीय प्रधान संपादक जी की अध्यक्षता में आयोजन का संचालन आदरणीय श्री अभिनव अरुण जी नें किया. प्रथम सत्र के मुख्य-अतिथि रामपुर डिग्री कॉलेज के हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष आदरणीय डॉ० दिलीप पाण्डेय जी रहे .
मध्याह्न भोजन के उपरान्त द्वितीय सत्र में ‘कवि-सम्मेलन सह मुशायरा’ का आयोजन हुआ. आदरणीय प्रधान संपादक श्री योगराज प्रभाकर जी की अध्यक्षता में आदरणीय श्री सौरभ पाण्डेय जी नें कवि सम्मलेन सह मुशायरा का सरस सफल संचालन किया. सुश्री सृष्टि सुधी जी की सुमधुर कर्णप्रिय आवाज मे वाग्देवी माँ सरस्वती की अराधना से द्वितीय सत्र का शुभारंभ हुआ. समारोह के मुख्य अतिथि अनन्य साहित्यप्रेमी व रचनाकार आदरणीय डॉ० सुभाष वर्मा जी, प्रधानाचार्य, पी०जी०कॉलेज, चौबट्टाखाल, रहे.
ओबीओ के संस्थापक सह मुख्य प्रबंधक आदरणीय श्री गणेश जी बागी, प्रधान संपादक आदरणीय श्री योगराज प्रभाकर जी, सदस्य टीम प्रबंधन आदरणीय श्री सौरभ पाण्डेय जी, सदस्य टीम प्रबंधन आदरणीय श्री राणा प्रताप सिंह जी, सदस्य टीम प्रबंधन डॉ० प्राची सिंह के साथ ही आदरणीय श्री वीनस केसरी जी , श्री अरुण निगम जी, श्रीमती राजेश कुमारी जी, डॉ० नूतल डिमरी गिरोला जी, श्री रूप चन्द्र शास्त्री ‘मयंक’ जी, श्री रविकर फैजाबादी जी, श्री राजेश शर्मा जी, श्रीमती गीतिका वेदिका जी, श्री शुभ्रांशु पाण्डेय जी, श्री गणेश लोहानी जी, श्री अभिनव अरुण जी, श्रीमती कल्पना बहुगुणा जी, श्री अशोक कुमार रक्ताले जी, श्री अजय शर्मा जी, सुश्री महिमाश्री जी , श्री अविनाश उनियाल जी, श्री शैलेन्द्र सिंह ‘मृदु’ जी की गरिमामय उपस्थिति नें आयोजन को सफल बनाया.
इस ऐतिहासिक साहित्य संगम में प्रथम बार ओबीओ की पूरी टीम प्रबंधन और उपस्थित ओबीओ परिवार के सदस्य भी अंतरजाल की आभासी दुनिया से बाहर निकल कर एक दूसरे से रूबरू हुए . ओबीओ मंच की यथार्थता के लिए यह खास तौर पर महसूस हुआ कि यहाँ की दुनिया आभासी नहीं.. वास्तिविकता के धरातल पर ही खड़ी है, जहाँ सदस्य मिलकर भी उसी सकारात्मक ऊर्जा को ग्रहण करते हैं जो निरंतर मंच पर सवादों और भावाभिव्यक्तियों में संजीवनी शक्ति सी प्रवाहित होती है.
कार्यक्रम की सचित्र विस्तृत रिपोर्ट और वीडीओ प्रतीक्षित है... उपलब्ध होते ही प्रस्तुत की जायेगी
आयोजन की विस्तृत रिपोर्ट के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें
http://www.openbooksonline.com/forum/topics/5170231:Topic:380335
Tags:
आदरणीय अशोक कुमार रक्ताले जी,
समय कैसे पंख लगा कर उड़ गया और १५ जून २०१३ का दिन देखते ही देखते नज़रों के सामने अविस्मरणीय सुनहरा इतिहास बन गया. उम्मीद से कई गुना बेहतर गोष्ठी और सम्मलेन रहे..साक्षी भाव से यह अनुभव कर हृदय तल तक सुकून की लहर दौड़ रही है.
आयोजन की सफलता के लिए ओबीओ परिवार के सभी सदस्यों को बहुत बहुत बधाई.
आ. सादर, ओबीओ परिवार द्वारा आयोजित विचार गोष्ठी सह कविसम्मेलन व मुशायरे का सफल आयोजन परिवार के सक्रिय सदस्यों की प्रतिभागिता एवं उनके स्नेह का प्रतिफल है. कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु परिवार के सभी सदस्यों को ढेरों शुभ कामनायें और बधाई. कार्यक्रम की सचित्र विस्तृत रिपोर्ट की प्रतीक्षा रहेगी. आदरेया,
आदरणीय सत्यनारायण शिवराम सिंह जी
//विचार गोष्ठी सह कविसम्मेलन व मुशायरे का सफल आयोजन परिवार के सक्रिय सदस्यों की प्रतिभागिता एवं उनके स्नेह का प्रतिफल है//
सक्रिय सदस्यों की प्रतिभागिता और उनका स्नेह ही सबसे बड़ा कारण रहा आयोजन की सफलता का आदरणीय..आपकी शुभकामनाओं के लिए हार्दिक आभार.
आदरणीय आबिद अली मंसूरी जी
आपकी शुभकामनाओं के लिए हम आपके आभारी हैं.
सादर.
मुझे इस कार्यक्रम में भाग लेने का सुअवसर प्राप्त हुआ। मैं प्राची जी को विशेष रूप से साधुवाद व धन्यवाद कहना चाहूँगा । आपकी साहित्य के प्रति रुचि,तपस्या व लगन अवर्णीय है ।साहित्य साधिका के रूप में आप को देख कर , हृदय पुलकित हो उठा । आपकी रचनाएँ , सरस्वती वंदना .... सभी उत्कृष्ट हैं । इस कार्यक्रम की सफलता की धुरी प्राची जी ही रही । अनेक काव्य साधक , अलग अलग प्रान्तों से उपस्थित हुए। उत्कृष्ट रचनाएँ सुन ने को मिली । अनेक लोगो से मुलाकात हुई । ओ बी ओ ग्रुप के सभी सदस्यों के प्रति आभार ।
आदरणीय अजय कुमार शर्मा जी
ओबीओ के साहित्य साधकों के संगम के साक्षी आप भी बने..ये सभी के लिए हर्ष का विषय है. सभी काव्य- रचनाकारों ने अपनी उत्कृष्ट रचनाओं के पाठन से आयोजन को सफलता के चरम तक पहुँचाया.. वहीं श्रोताओं की नज़रों में व्याप्त स्नेह और साहित्य सम्मान के भाव नें एक अद्भुत आनंद पहुँचाया.
सादर.
आदरणीया डॉ प्राची सिंह जी,हल्द्वानी में आयोजित विचार गोष्ठी सह कवि सम्मलेन की संक्षिप्त रिपोर्ट पढ़कर सहज ही अंदाज लगाया
जा सकता है कि आयोजन कितना अद्भुत रहा होगा | ऐसे अविस्मर्निय आयोजन में काव्य मनीषियों की गरिमामय उपस्थिति का
आपकी रिपोर्ट से और श्री अशोक जी रक्ताले की टिपण्णी से अहसास कर,शीघ्र ही कार्क्रम के सचित्र विडिओ की बेसब्री से उत्सुकता है|
श्री अशोकजी की टिपण्णी आयोजन की सफलता में आपके अथक परिश्रम और आत्मीय संलग्नता का बयान कर रही है | आदरनीय
प्रधान सम्पादक जी की अध्यक्षता में आयोजित कार्क्रम में सफलता हेतु सभी टीम प्रबंधन का, कुशल संचालन करने, और सभी
सुधि सहभागियों के प्रति हार्दिक साधुवाद,एवं शुभकामनाए | सादर
आदरणीय लक्ष्मण जी १५ जून का आयोजन वास्तव में बहुत ही विलक्षण रहा.. आपकी शुभकामनाओं के लिए हार्दिक आभार
एक अद्भुत एवं अविस्मरणीय साहित्यिक आयोजन का हिस्सा बनना बड़ा सुखद रहा. अपने ओ.बी.ओ. परिवार के सदस्यों से मिला रूबरू हुआ उनका स्नेह व आशीर्वाद प्राप्त हुआ. कुछ प्रोफेसनल वर्क बढ़ जाने से करीब २ - ३ महीने मंच से दूर रहा जिसका बहुत मलाल था परन्तु १४ तारीख को साइट ओपन की तो पता चला एक बहुत अच्छा सुअवसर है अपने परिवार से मिलने का ,साहित्य संगम में डुबकी लगाने का. मैंने तुरंत आदरणीय बागी सर को फोन किया कि सर जी मै भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराना चाहता हूँ उन्होंने अपनी सहमति दे दी और जिसके चलते मुझे ये स्वर्ण अवसर मिला और सतत आगे बढ़ने के लिए उर्जा मिली. इस पावन मंच से तमाम विधाओं (चाहे वह छंद विधा हो या गजल की विधा) में बहुत कुछ सीखने को मिला और मिल रहा है जिसके चलते १५ अप्रैल २०१३ को अखिल भारतीय समग्र विचार मंच , लखनऊ (श्री राज किशोर मिश्र राज्य मंत्री, उत्तर प्रदेश ) द्वारा साहित्यिक सेवाओं के लिए मुझे पुरस्कृत एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया एवं ४ जून २०१३ को आलोक लोक सेवा संस्थान सीतापुर की तरफ से "कवि रत्न" की उपाधि से अलंकृत किया गया. ऐसे पुनीत मंच का वंदन अभिनंदन करता हूँ जहाँ सीखने और सिखाने की प्रक्रिया में सब साथ-साथ हैं . एक बार पुनः इस सफल आयोजन हेतु हार्दिक बधाई सभी गुरुजनों को सादर प्रणाम
प्रिय शैलेन्द्र जी,
अनेक व्यस्तताओं के चलते भी आप १४ को आयोजन की सूचना देखते ही तुरंत हल्द्वानी के लिए निकल पड़े और अपनी ऊर्जस्वी उपस्थिति, जोशीले काव्यपाठ, और छोटे छोटे अन्य महत्वपूर्ण सहयोग से आपने आयोजन में जो योगदान दिया उसके लिए आपका हार्दिक धन्यवाद.
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |