For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

खुशियाँ और गम, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के संग...

ओपन बुक्स ऑनलाइन के सभी सदस्यों को प्रणाम, बहुत दिनों से मेरे मन मे एक विचार आ रहा था कि एक ऐसा फोरम भी होना चाहिये जिसमे हम लोग अपने सदस्यों की ख़ुशी और गम को नजदीक से महसूस कर सके, इसी बात को ध्यान मे रखकर यह फोरम प्रारंभ किया जा रहा है, जिसमे सदस्य गण एक दूसरे के सुख और दुःख की बातो को यहाँ लिख सकते है और एक दूसरे के सुख दुःख मे शामिल हो सकते है |

धन्यवाद सहित
आप सब का अपना
ADMIN
OBO

Views: 74299

Reply to This

Replies to This Discussion

बहुत बहुत बधाई आदरणीय समर साहब ।
बहुत बहुत। शुक्रिया मोहतरमा कल्पना भट्ट साहिबा ।
आदरनीय समर कबीर साहब , नमस्कार , लिखने वाले ने तो जो लिखा अच्छा लिखा , हम तो आपके पता नहीं कब से कायल है , आपको एक अनुभवी , जिम्मेदार , पथ-प्रदर्शक , और हर तरह से बहुत अच्छा मित्र और इंसान समझते और जानते हैं। बस कभी कह नहीं पाए। लिखने वाले इस बारे में बेशक बाज़ी मार ले गए और खूबसूरत अंदाज़ में , बेशक अच्छा लिखा , बधाई आपको और उन्हें भी। बाकी आपकी कुछ निजी परेशानियों के बारे में जानकर कष्ट भी हुआ , पर आपके हौसले बुलंद हैं और आगे भी रहे , शायर लोग तो वैसे भी बाँटते हैं , लेते क्या हैं। आप सलामत रहें , स्वस्थ रहें , हंसते रहे। आपने इसे साझा किया , हम उपकृत हुए।
सादर।
आली जनाब डॉ.विजय शंकर जी आदाब,मैं इस हक़ीक़त से बख़ूबी वाक़िफ़ हूँ कि :-

"मुहब्बत मा'ना-ओ-अल्फ़ाज़ में लाई नहीं जाती
ये वो नाज़ुक क़्क़ीक़त है कि समझाई नहीं जाती"
आपकी स्नेहिल प्रतिक्रया के लिये तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ ।

भाई समर कबीर जी, 

यह खुशखबरी सुन कर दिल बहुत खुश हुआ.... आपको यह मान मिलना ही था, आप कब से इस मान के हकदार हैं। हार्दिक बधाई, भाई समर जी।

मुहतरम जनाब विजय निकोर जी आदाब,आपकी प्रशंसा मेरे लिये बड़ा इनआम है, तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ आपकी मुहब्बतों के लिये ।

⁠⁠⁠क्या बात है , आदरणीय समर भाई , पढ के दिल बाग़ बाग़ हुआ जा रहा है , आपके साथ साथ ये हम ओबीओ वालों के लिये इज़्ज़त अफज़ाई और फ़ख़्र की बात है ...मुझे खुशी है कि आपकी इमान्दारी , मेनहत और लगन अब रंग ला रही है ... ख़ुदा ऐसे और मौक़ों से नवाज़े आपको।

जनाब गिरिराज भंडारी जी आदाब,ये सब आपकी और ओबीओ की मुहब्बतों का नतीजा है,आपकी मुहब्बतों के लिये तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ ।

बहुत बहुत बधाई जनाब समर कबीर साहब। ज़हीर कुरेशी साहब बेहद सुलझे हुए इंसान और आला दर्जे के शायर हैं। बिल्कुल सीधी और सच्ची बात कहते हैं वो। दिली दाद कुबुल करें।

जनाब धर्मेन्द्र कुमार सिंह साहिब आदाब,ज़हीर साहिब के बारे में आपने सही फ़रमाया,आपकी मुहब्बतों के लिये बहुत बहुत शुक्रिया ।

समावर्तन के जनवरी अंक में आपकी 10 गजले सम्मिलित हुई, इसके लिए हुत बहुत बधाई श्री समर कबीर साहब | ये हम सभी के लिए और ओबीओ के लिये इज़्ज़त अफज़ाई और फ़ख़्र की बात है | सादर 

जनाब लक्ष्मण रामानुज लड़ीवाला जी आदाब,आपकी और ओबीओ की मुहब्बतों के लिये बहुत बहुत धन्यवाद ।

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय धर्मेन्द्र भाई, आपसे एक अरसे बाद संवाद की दशा बन रही है. इसकी अपार खुशी तो है ही, आपके…"
1 hour ago
धर्मेन्द्र कुमार सिंह posted a blog post

शोक-संदेश (कविता)

अथाह दुःख और गहरी वेदना के साथ आप सबको यह सूचित करना पड़ रहा है कि आज हमारे बीच वह नहीं रहे जिन्हें…See More
17 hours ago
धर्मेन्द्र कुमार सिंह commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"बेहद मुश्किल काफ़िये को कितनी खूबसूरती से निभा गए आदरणीय, बधाई स्वीकारें सब की माँ को जो मैंने माँ…"
17 hours ago
धर्मेन्द्र कुमार सिंह commented on धर्मेन्द्र कुमार सिंह's blog post जो कहता है मज़ा है मुफ़्लिसी में (ग़ज़ल)
"बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' जी"
17 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , ग़ज़ल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका हार्दिक आभार "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। उत्तम गजल हुई है। हार्दिक बधाई। कोई लौटा ले उसे समझा-बुझा…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी

२१२२       २१२२        २१२२   औपचारिकता न खा जाये सरलता********************************ये अँधेरा,…See More
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"आयोजनों में सम्मिलित न होना और फिर आयोजन की शर्तों के अनुरूप रचनाकर्म कर इसी पटल पर प्रस्तुत किया…"
Wednesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन पर आपकी विस्तृत समीक्षा का तहे दिल से शुक्रिया । आपके हर बिन्दु से मैं…"
Tuesday
Admin posted discussions
Monday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सुशील सरनाजी, आपके नजर परक दोहे पठनीय हैं. आपने दृष्टि (नजर) को आधार बना कर अच्छे दोहे…"
Monday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service