आदरणीय साथिओ,
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अच्छी लघुकथा कही है भाई सुनील कुमार जी. विषय तो सम-सामयिक है ही और रचना सन्देश भी बढ़िया दे रही है जिस हेतु हार्दिक बधाई प्रेषित है. लेकिन लघुकथा निरी विवरणात्मक शैली में होने के कारण उतनी प्रभावशाली नहीं बन पाई. विवरण के के साथ साथ यदि कुछ संवाद भी दिए जाते तो इसका प्रभाव द्विगुणित हो जाता.
हार्दिक बधाई आदरणीय सुनील वर्मा जी।मौजूदा हालात पर कटाक्ष करती बेहतरीन और संदेशप्रद लघुकथा।
गौ रक्षा के नाम पर हो रही गुंडई पर तीखा तंज , बहुत बढ़िया , विवरणात्मक लघु कथा लिखना मुझे हमेशा चुनौती लगता है , पर आपने कुशलता से निभाया है इस शैली को, हार्दिक बधाई आपको आदरणीय सुनील जी
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