आदरणीय साथिओ,
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आद0 विनय जी सादर अभिवादन। रचना पर आपकी उपस्थिति और प्रतिक्रिया के लिए आभार।
जनाब सुरेन्द्र नाथ सिंह जी आदाब,प्रदत्त विषय को सार्थक करती अच्छी लघुकथा लिखी आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।
हार्दिक बधाई आदरणीय सुरेन्द्र नाथ सिंह जी।बेहतरीन लघुकथा।आजकल बेटों से अधिक बेटियाँ परिवार के प्रति गंभीर और जिम्मेवार रहती हैं।लोगों की सोच भी अब बदल रही है।
आद0 तेजवीर जी सादर अभिवादन। आपकी प्रतिक्रिया से लेखन को बल मिला है। बहुत बहुत बधाई आपको।
आभार आप का
आद0 समर साहब सादर प्रणाम। आपकी संस्तुति मिली, लेखन सार्थक हुआ। आपकी प्रतिक्रिया से बेहतर लिखने को प्रेरणा मिलती है।
प्रदत्त विषय को परिभाषित करती ,भावना से ओतप्रोत और सकारात्मक अंत लिए बहुत अच्छी कथा कही है आपने हार्दिक बधाई आदरणीय सुरेन्द्र जी
कड़वी हकीकत जिसे आसानी स्वीकारना बहुत कठिन है।कथा के जरिये आपने तीक्ष्ण प्रश्न उठाया है।कथा के लिये बधाई आद० सुरेन्द्र नाथ सिंह कुशक्षत्रप जी ।
नीता कसर जी सादर शुक्रिया। आभार आपका
बहुत खूब....
बढ़िया कथा हुई है आदरणीय सुरेन्द्र जी | हार्दिक बधाई |
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