For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल...तू खुश्बू है चन्दन है-बृजेश कुमार 'ब्रज'

22 22 22 2
खन खन करता कंगन है
साँसों में भी कम्पन है

मैं पत्थर हूँ राहों का
तू खुश्बू है चन्दन है

आहट है किन कदमों की
उर में कैसा स्पंदन है

आँखों ने क्या कह डाला
आकुल ये मन वंदन है

मन मन्दिर में आ जाओ
स्वागत है अभिनन्दन है
(मौलिक एवं अप्रकाशित)
बृजेश कुमार 'ब्रज'

Views: 666

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on March 21, 2018 at 6:06pm

आदरणीय धामी जी हार्दिक आभार स्नेह बनाये रखें..सादर

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on March 21, 2018 at 6:05pm

आदरणीय सुरेद्र जी बहुत बहुत आभार..सादर

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on March 21, 2018 at 3:35pm

आ. भाई ब्रजेश जी, सुंदर गजल हुई है हार्दिक बधाई ।

Comment by नाथ सोनांचली on March 20, 2018 at 11:06pm

आद0 बृजेश जी सादर अभिवादन। बढिया ग़ज़ल कही आपने। बधाई कुबूल कीजिये

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on March 19, 2018 at 9:24pm

हार्दिक आभार आदरणीय तस्दीक़ जी...

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on March 19, 2018 at 9:23pm

स्वागत है अभिनन्दन है आदरणीय शर्मा जी..

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on March 19, 2018 at 9:23pm

बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय विजय जी..

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on March 19, 2018 at 7:37pm

जनाब ब्रजेश कुमार साहिब ,सुन्दर ग़ज़ल हुई है ,मुबारक बाद क़ुबूल फरमायें।

Comment by बसंत कुमार शर्मा on March 19, 2018 at 1:10pm

वाह मुग्ध हूँ पढ़कर, क्या कहने 

Comment by vijay nikore on March 19, 2018 at 12:02pm

गज़ल अच्छी लिखी है। बधाई।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आसमाँ को तू देखता क्या है अपने हाथों में देख क्या क्या है /1 देख कर पत्थरों को हाथों मेंझूठ बोले…"
2 minutes ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"2122 1212 22 बेवफ़ाई ये मसअला क्या है रोज़ होता यही नया क्या है हादसे होते ज़िन्दगी गुज़री आदमी…"
20 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"धरा पर का फ़ासला? वाक्य स्पष्ट नहीं हुआ "
33 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय Richa Yadav जी आदाब। ग़ज़ल के अच्छे प्रयास के लिए बधाई स्वीकार करें। हर तरफ शोर है मुक़दमे…"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"एक शेर छूट गया इसे भी देखिएगा- मिट गयी जब ये दूरियाँ दिल कीतब धरा पर का फासला क्या है।९।"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई अमित जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल से मंच का शुभारम्भ करने के लिए बहुत बहुत हार्दिक…"
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' जी आदाब।  ग़ज़ल के अच्छे प्रयास के लिए बधाई स्वीकार…"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"2122 1212 22 बात करते नहीं हुआ क्या है हमसे बोलो हुई ख़ता क्या है 1 मूसलाधार आज बारिश है बादलों से…"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"खुद को चाहा तो जग बुरा क्या है ये बुरा है  तो  फिर  भला क्या है।१। * इस सियासत को…"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"सादर अभिवादन, आदरणीय।"
5 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"ग़ज़ल~2122 1212 22/112 इस तकल्लुफ़ में अब रखा क्या है हाल-ए-दिल कह दे सोचता क्या है ये झिझक कैसी ये…"
9 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"स्वागतम"
9 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service