आदरणीय साथिओ,
Tags:
Replies are closed for this discussion.
आदरणीय तेजवीर सिंह जी, ह्रदय से आपका आभार एवं धन्यवाद , सादर।
आदरणीय विनय कुमार सिंह साहब , आपका ह्रदय से बहुत बहुत आभार एवं धन्यवाद , सादर .
आ.जनाब विजय साहिब ,प्रदत्त विषय पर अच्छी लघुकथा हुई है ,मुबारक बाद क़ुबूल फरमायें।
आदरणीय तस्दीक अहमद खान साहब , लघु-कथा पर आपके उदगार हेतु ह्रदय से आपका आभार एवं धन्यवाद , सादर।
आदरणीय विजय शंकर जी आदाब,
लीक से हटकर कहना और मौलिक चिंतन में ताज़गी आपके लेखन की विशेषता रही है । यही बात इस लघुकथा पर भी शत्-प्रतिशत लागू होती है । हार्दिक बधाई स्वीकार करें इस शानदार-दमदार लघुकथा के लिए ।
आदरणीय मोहम्मद आरिफ जी , आपकी उत्साहवर्धक टिप्पणी के लिए आपका ह्रदय से आभार एवं धयवाद। सादर।
आदरनीय विजय जी, बहुत सुंदर लघुकथा के लिए बधाई कुबूल करें
बढ़िया लघुकथा के लिए हार्दिक बधाई आदरणीय डॉ विजय शंकर जी |
बहुत बढ़िया पेशकश। उम्दा प्रस्तुति के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत मुबारकबाद मुहतरम जनाब डॉ. विजय शंकर जी।
भारतवर्ष
.
5000 साल बाद कुरु सभा फिर अट्टाहस कर रही थी, द्रौपदी निर्वस्त्र थी, पान्डु पुत्र सर झुकाए बैठे थे.......
धृतराष्ट्र तब भी अन्धे थे... अब भी अन्धे ही लग रहे थे.
चेहरे पर पीड़ा और मार के निशान लिए भारत माता सिसक रही थी...
सत्ताधारी दल के नेता पर बलात्कार के आरोप थे और कोर्ट में ज़मानत याचिका पर सुनवाई होने जा रही थी.. नेता जी को ज़मानत मिलते ही सारा परिसर भारत माता की जय और वन्दे मातरम् के गगनभेदी नारों से गूँज उठा.
नारे बन कर प्रासंगिकता खो चुके शब्द अपनी अस्मिता बचाने के लिए पीडिता के फटे दामन से पनाह माँगते लग रहे थे..
.
मौलिक/ अप्रकाशित
आज के हालात पर बहुत चुटीली रचना, प्रदत्त विषय को बखूबी परिभाषित किया है आपने. बहुत बहुत बधाई आपको आ
धन्यवाद आ. विनय जी,
मुझे नहीं पता लघुकथा क्या होती है ..मुझे लगा कि आज का भारत जैसा मैं देखता हूँ ..उसे कम शब्दों में यहाँ ख सकूँ ...
आभार
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |